LAC पर चीन के साथ लगातार जारी तनातनी के बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने चीन को सख्त संदेश दिया है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीन की चुनौती से निपटने के लिये हम अच्छी स्थिति में हैं। भारत दोनों फ्रंट पर लड़ने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना चीन और पाकिस्तान से एक साथ किसी भी संभावित युद्ध को लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाले किसी भी संघर्ष में वायुशक्ति हमारी जीत में अहम साबित होगी। वायुसेना किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह संकल्पित है। चीन से निपटने के लिये वायुसेना की तैयारियां अच्छी हैं और हमनें सभी प्रासंगिक इलाकों में तैनाती की है। सीमा पर चीन की तैयारी को लेकर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि शत्रु को कमतर आंकने का कोई सवाल ही नहीं है लेकिन आश्वस्त रहिये, किसी भी चुनौती का सामना करने के लिये वायुसेना मजबूती से तैनात है।

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राफेल ने बनाया ताकतवर

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि, राफेल विमानों के वायुसेना में शामिल होने से हमें संचालनात्मक बढ़त मिली है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पांच महीने से गतिरोध बना हुआ है जिससे दोनों के रिश्तों में महत्वपूर्ण रूप से तनाव आया है। विवाद के हल के लिये दोनों पक्षों ने कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की हैं। हालांकि गतिरोध को दूर करने में कोई कामयाबी नहीं मिली। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच 12 अक्टूबर को एक और दौर की बातचीत होनी है जिसका एजेंडा खास तौर पर विवाद वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की रूपरेखा तय करना है।

दुश्मनों को मिलेगा मुहतोड़ जवाब

किसी भी चुनौती से निपटने के लिये भारत ने पहले ही ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में हजारों सैनिकों और सैन्य साजो-सामान की तैनाती की है। भारतीय वायुसेना ने भी पूर्वी लद्दाख और वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे अन्य स्थानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 जैसे अपनी अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों को पहले ही तैनात कर रखा है। हाल में वायुसेना के बड़े में शामिल किये गए पांच राफेल लड़ाकू विमान भी पूर्वी लद्दाख में नियमित रूप से उड़ान भर रहे हैं।

दोनों फ्रंट पर युद्ध के लिए तैयार है भारत

आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना भारत और चीन के साथ दोनों फ्रंट पर एक साथ जंग के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि चीन की हरकत के बारे में मई में ही पता लग गया था, तभी से ही भारतीय सेना और वायुसेना की ओर से कदम उठाए गए। 

बातचीत से बनेगी बात

चीन के साथ जारी बातचीत पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि यह इसी बात पर निर्भर है कि डिसइंगेजमेंट पर बातचीत कैसी होती है। मुझे उम्मीद है कि बातचीत से ही मामला सुलझेगा। वर्तमान में प्रगति बहुत धीमी है। जमीनी हकीकत को देखकर हम कार्रवाई करेंगे। बता दें कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए कोर कमांडरों के बीच सातवें दौर की बातचीत 12 अक्टूबर को होगी।

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