पिछले कई महीनों से चीन और भारत के बीच बॉर्डर पर तनाव जारी है। चीन अपनी धोखेबाजी वाली आदत से बाज नहीं आ रहा है। LAC पर चीन से तनातनी लगातार बढ़ती ही जा रही है। भारत चीन को मुहतोड़ जवाब दे रहा है। इस बीच भारतीय सेना ने चुमार-डेमचोक इलाके में एक चीनी सैनिक को हिरासत में लिया है। चीनी सैनिक के पास से अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।  पूछताछ के बाद चीनी सैनिक को चीन वापस भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि हिरासत में लिया गया चीनी सैनिक कॉरपोरल रैंक पर है और शांगजी इलाके का रहना वाला है। उसके पास से सिविल और मिलिट्री डॉक्यूमेंट बरामद किए गए थे। भारतीय सेना के जवानों ने आज सुबह चीनी सैनिक को हिरासत में ले लिया था। उसके पूछताछ की गई। उससे भारतीय सीमा क्षेत्र में आने की वजह पूछी गई। जांच एजेंसियों की ओर से जासूसी मिशन के एंगल से भी मामले की पड़ताल की गई। बाद में सभी औपचारिक जरूरी कार्रवाई करने के बाद चीनी सैनिक को चीन वापस भेज दिया गया है।

चीन की साजिश का पर्दाफाश

चीनी सैनिक को हिरासत में लेने के बाद सेना ने बताया कि, पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में PLA के एक सैनिक कॉर्पोरल वांग यां लॉन्ग को पकड़ा गया, वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भटक रहा था। पकड़े गए PLA सैनिक को ऑक्सीजन, भोजन और गर्म कपड़े समेत चिकित्सा सहायता मुहैया करायी गयी है। लापता सैनिक को लेकर चीन की पीएलए ने भारतीय सेना से अनुरोध किया गया था। स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार, चीनी सैनिक को औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद चुशुल-मोल्डो बैठक बिंदु पर चीनी अधिकारियों को वापस सौंप दिया गया। बता दें कि पिछले करीब छह महीने से भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव है। इस गतिरोध को कम करने के लिए कई दौर की राजनयिक और सैन्य स्तर पर बैठकें हो चुकी हैं। हालांकि कुछ खास नतीजे नहीं निकले हैं।

करीब 6 महीने से तनाव

भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर अप्रैल से तनावपूर्ण स्थिति बरकरार है। यह तनाव जून में तब चरम पर पहुंच गया था, जब गलवान घाटी में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। इस दौरान हिंसक टकराव होने की वजह से भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे। इसके बाद, गत 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को इलाके में PLA के सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों को डराने-धमकाने की कोशिश के बाद भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास स्थित मुखपारी, रेजांग ला और मगर पहाड़ी इलाकों में नियंत्रण हासिल कर लिया था।

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