कोरोना ने दुनिया में सबकुछ बदला दिया। कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से देश के बड़े मंदिरों को बंद कर दिया गया था, ताकि मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ से इस महामारी का प्रसार न हो। करीब 5 महीने से देश के अधिकतर मंदिर या तो बंद हैं या फिर श्रद्धालुओं की एंट्री पर बैन है। ऐसे में केरल के सबरीमाला मंदिर को पांच दिवसीय मासिक पूजा के लिए खोला गया है। सबरीमाला में भगवान अय्यप्पा मंदिर में पांच दिवसीय पूजा सोमवार सुबह शुरू हुई। जो 21 अगस्त की शाम तक खुला रहेगा। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए मंदिर में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगाई गई है। इस पूजा के दैरान मंदिर में केवल पुरोहित ही मौजूद रहेंगे। यह मासिक पूजा मलयालम महीने चिंगम में पांच दिनों तक चलती है। जिसकी वजह से 5 दिनों के लिए मंदिर को खोला गया है। त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड के अध्यक्ष एन वासु ने कहा कि मंदिर 21 अगस्त तक खुला रहेगा और केवल पारंपरिक पूजा ही की जाएगी। सबरीमाला मंदिर के प्रबंधन को त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड ही देखती है। बोर्ड ने कहा कि, कोविड-19 महामारी के चलते इस मासिक पूजा से श्रद्धालुओं को दूर रखा गया है, उन्हें मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। बोर्ड ने एक विज्ञप्ति में कहा कि 29 अगस्त से दो सितंबर के बीच ओणम पूजा के लिए भी मंदिर खोला जाएगा। एन वासु ने कहा कि, सबरीमाला के लिए वार्षिक त्यौहार तीर्थयात्रा सीजन 16 नवंबर से शुरू होता है। यह प्रथा दशकों से चल रही है। इस साल पूजा तो होगी, लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर जारी दिशानिर्देशों के साथ होगी। सबरीमाला मंदिर के अलावा त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड दक्षिण केरल में करीब 1000 मंदिरों का प्रबंधन करती हैं।

16 नवंबर से शर्तों के साथ खुलेगा मंदिर

बोर्ड की तरफ से पहले ही कहा जा चुका है कि हर साल की भांति इस साल 16 नवंबर से दो महीने के लिए मंदिर को श्रद्धालुओं के खोला जाएगा। जो श्रद्दालु यहां आना चाहते हैं, उन्हें अपने साथ कोरोना नेगेटिव सर्टिफिकेट लाना होगा। इसके बिना मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगी। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करना होगा और भक्तों के लिए मास्क लगाना जरूरी होगा।

सबरीमाला की मान्यताएं

भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है सबरीमाला का मंदिर। कोरोना काल से पहले यहां हर दिन लाखों लोग दर्शन करने के लिए आते थे। अय्यप्पा स्वामी मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। दक्षिण भारत के केरल में सबरीमाला में अय्यप्पा स्वामी मंदिर है। सबरीमाला का नाम शबरी के नाम पर है, जिनका जिक्र रामायण में है। ये मंदिर 18 पहाड़ियों के बीच में बसा है। यहां एक धाम में है, जिसे सबरीमला श्रीधर्मषष्ठ मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर के पास मकर संक्रांति की रात घने अंधेरे में एक ज्योति दिखती है। इस ज्योति के दर्शन के लिए दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु हर साल आते हैं। बताया जाता है कि जब-जब ये रोशनी दिखती है इसके साथ शोर भी सुनाई देता है। भक्त मानते हैं कि ये देव ज्योति है और भगवान इसे खुद जलाते हैं। इसे मकर ज्योति का नाम दिया गया है। इस मंदिर में महिलाओं का आना वर्जित है। इसके पीछे मान्‍यता ये है क्योंकि श्री अयप्‍पा ब्रह्माचारी थे इसलिए यहां 10 से 50 साल तक की लड़कियां और महिलाएं नहीं प्रवेश कर सकतीं। इस मंदिर में ऐसी छोटी बच्‍चियां आ सकती हैं।

भारत में कोरोना से हाहाकार

भारत में अबतक कुल 26 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं और करीब 51 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया में सबसे तेजी से कोरोना मामले भारत में ही बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 57,981 नए मरीज सामने आए और 941 लोगों की मौतें हो गई. जबकि अमेरिका और ब्राजील में बीते दिन क्रमश: 36,843 और 22,365 नए मामले आए हैं. वहीं क्रमश: 522 और 582 मौतें हुई है। भारत में 13 अगस्त को रिकॉर्ड 66,999 मामले आए थे। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 26 लाख 47 हजार 663 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 50,921 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 6 लाख 76 एक्टिव केस हैं और 19 लाख 19 हजार लोग ठीक भी हुए हैं।

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