सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का मंच जहां लगा हुआ है, उससे कुछ ही दूरी पर एक शख्स की निर्मम हत्या कर दी गई है.किसान संगठनों ने एक झटके में खुद को निहंग सिखों से अलग किया और उनपर इस हत्या का आरोप लगाया. वहीं अब बीजेपी नेता किसान आंदोलन पर सवाल खड़े कर रहे हैं.बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) ने सिंघु बॉर्डर की घटना को लेकर राकेश टिकैत पर निशाना साधते हुए लिखा कि – अगर राकेश टिकैत ने योगेंद्र यादव के बगल में बैठकर लखीमपुर में हुई मॉब लिंचिंग को जायज नहीं ठहराया होता तो, वह चुप रहते तो कुंडली में आज शख्स की हत्या नहीं होती. किसानों के नाम पर आंदोलन में हो रही अराजकता का पर्दाफाश होना चाहिए.वहीं अपने दूसरे ट्वीट में अमित मालवीय ने लिखा, बलात्कार, हत्या, वैश्यावृत्ति, हिंसा और अराजकता. किसान आंदोलन के नाम पर यह सब हुआ है. अब हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर युवक की बर्बर हत्या. आखिर हो क्या रहा है? किसान आंदोलन के नाम पर यह अराजकता करने वाले ये लोग कौन हैं जो किसानों को बदनाम कर रहे हैं?’

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक वीडियो रिट्वीट किया है, जिसको सिंघु बॉर्डर पर हुए मर्डर का बताया जा रहा है. इस ट्वीट में लिखा है कि कि इस आंदोलन में असामाजिक तत्व मौजूद हैं और वीडियो उसका सबूत है. हालांकि, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि यह किसान आंदोलन को बदनाम करने का एक संयोजित प्रयास है जो कि पिछले 10 महीनों से चल रहा है.संयुक्त किसान मोर्चा से इसका कोई संबंध नहीं है. मोर्चा के बाहर एक ग्रुप वहां बैठा हुआ है, उन्होंने किया है. सरकार को जांच करनी चाहिए. पुलिस को जांच करनी चाहिए.

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