प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मलिका की आठ संपत्तियों को जब्त किया है। उन पर माफिया एवं डॉन दाऊद इब्राहिम के गिरोह के साथ कनेक्शन रखने का आरोप भी है।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने राकांपा (NCP) नेता नवाब मलिक पर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मलिक की आठ संपत्तियों को जब्त किया है। ये संपत्तियां मुंबई एवं उस्मानाबाद की बताई जा रही हैं। जांच एजेंसी ने मलिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस की भी जांच शुरू कर दी है। फरवरी में ईडी ने मलिक के खिलाफ केस दर्ज किया। ईडी का आरोप है कि मलिक का दाऊद गैंग के साथ कनेक्शन है। जांच एजेंसी ने पीएमएलए के तहत राकांपा नेता पर कार्रवाई की है। मलिक अभी हिरासत में जेल में हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने जेल में बंद महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता नवाब मलिक की कई संपत्तियां धन शोधन रोधी कानून के तहत कुर्क की हैं।
संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने “मोहम्मद नवाब मोहम्मद इस्लाम मलिक उर्फ नवाब मलिक, उनके परिवार के सदस्यों, सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर की संपत्तियों को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क करने का एक अस्थायी आदेश जारी किया है।”
अर्जी पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट मलिक की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हुआ। इस अर्जी में उन्होंने धन शोधन मामले में उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के जेल में बंद नेता मलिक की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल से दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा। मलिक ने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है। पीठ ने कहा, ‘कृपया कागजात दीजिए।’
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