लखनऊ: अयोध्या प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो गई है। 5 अगस्त को पीएम मोदी ने भूमि पूजन कर विधिवत रुप से निर्माण की प्रक्रिया शुरु करवाई इस मौके पर कई गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे. लेकिन सबसे खास मेहमान इस कार्यक्रम में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी रहे। एक अरसे तक चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार मंदिर के पक्ष में फैसला आया और मस्जिद के लिए विवादित स्थल से अलग मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन दी गई। हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद भी कई संगठनों फैसले का विरोध भी किया लेकिन सबसे सुखद और अच्छी बात ये रही की इस कानूनी लड़ाई के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रहे इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही विवाद के खत्म होने की बात कही। एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम के दौरान भी उन्होने अपनी बात को दोहराया और कहा कि जो संविधान ने फैसला किया, हमने स्वीकार किया. हम इंसानियत को जोड़ने का काम करते हैं. हम हिंदु-मुस्लमानों के विवाद की बात नहीं करते.

भारत अपनी गंगा-यमुनी तहजीब के लिए पूरी दूनिया में जाना जाता रहा है। इसकी अद्भुत मिशाल राम मंदिर के भूमि पूजन के दौरान भी देखने को मिली जब पहला न्योता इकबाल अंसारी के घर भेजा गया। बकायदा इकबाल अंसारी ने इस आमंत्रण को सहर्ष स्वीकार किया और कार्यक्रम आकर बता दिया की यह देश राम-रहीम का है। नफरत की इस देश में कोई जगह नही है। इकबाल अंसारी का मानना है कि हार-जीत की भावना सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद खत्म हो गई थी। यह पहला मौका नही था जब इकबाल अंसारी राम मंदिर के पक्ष में आए फैसले पर बोल रहे हो। इसके पहले भी वो कोर्ट के फैसले का स्वागत करते नजर आए हैं।

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