इतिहास अपने अंदर इतनी सारी कहानी समेटे हुए है जिसे जानने और समझने के लिए हमारी सारी उम्र कम पड़ जाएगी। लेकिन इस पुराने इतिहास की एक खासियत जरूर है। जब-जब हम गिरते हैं तो इसकी कहानियां हमें दोबारा उठने के लिए प्रेरित करती हैं तो वहीं कई बार हमारे सामने कुछ ऐसी चीजे आ जाती हैं। जिस पर यकीन करना थोड़ मुश्किल होता है।ऐसी ही है हमारी आज की कहानी। जिसे पढ़ने के बाद आप सही और गलत का शायद अंतर भूल जाएं और सोचने पर मजबूर हो जाएं कि, इंसानियत बड़ी है या रिश्ता। ये बात हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि आज हम आपको जिस घटना के बारे में बताने जा रहे हैं। उसमें एक बेटी ने अपना ही स्तनपान कराया है। ये बात एक बार पढ़ने और सुनने में काफी शर्मसार करने वाली लगती है। लेकिन इसकी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।
ये घटना सदियों पहले रोम में घटि थी। रोम में सदियों पहले सायमन नाम के एक बूढ़े आदमी को किसी गुनाह के चलते जेल में भूखा प्यासे रहने की सजा दी गई थी। इस दौर में गुनाहों की इसी तरह सजा दी जाती थी। जब उस बूढ़े आदमी को मिली सजा के बारे में उसकी बेटी पेरू को पचा चला तो वो अपने आपको रोक नहीं सकी और जेल में पिता से मिलने के लिए चल दी।पेरू जब पिता से मिलने पहुंची उसकी तलाशी ली गई। लेकिन उसके पास कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिससे किसी को आपत्ति होती। कई दिनों से भूखे प्यासे पिता को देखकर पेरू से रहा न गया और उसने जेलर की तरफ कमर करके पिता को अपना दूध पिला दिया। वो ऐसा हर रोज करने लगी। एक दिन जेलकर की नजर पेरू पर पड़ गई और वो इस नजारे को देखरक चौंक गया। उसने बाप और बेटी के इस तरह के रिश्ते को लेकर पूरे इलाके में बात फैला दी।
किसी भी बेटी को इस तरह पिता को दूध पिलाना वाकई में शर्मसार कर देने वाला लगता है। इस घटना की जैसे ही जानकारी राजा को हुई उसने पेरू और सायमन को अपने दरबार में बुलाया और उनके रिश्ते पर सवाल उठाते हुए इसके पीछे की वजह पूछी।पेरू ने पिता की हालत की दुहाई देते हुए सारी कहानी बयां कर दी। दरबार में बैठे सभी लोग चौंक कर रह गये और दोनों बाप-बेटी के कड़ी सजा देने की आवाज उठाने लगे। इस बीच राजा ने दोनों बाप बेटी को कड़ी सजा सुनाते हुए मौत की सजा दे दी। जैसे ही ये खबर नगर के लोगो तक पहुंची सभी ने बेटी के द्वार उठाये गये इस कदम की खूब तारीफ की और राजा की सजा का विरोध किया। बढ़ते विरोध को देखते हुए राजा ने पेरू और सायमन को सजा से मुक्त कर दिया। इस घटना को गुजरे भले ही कई साल हो गये हो लेकिन ये घटना आज भी इंसानियत का पाठ पढ़ाती है