किसान बिल के खिलाफ देशभर में किसान सड़कों पर है। कृषि प्रधान देश में पिछले महीने से ज्यादा वक्त से बवाल मचा हुआ है। संसद से शुरू बवाल अब सड़कों पर जमकर कहर बरपा रहा है पूरा मामला कृषि बिल से शुरू हुआ किसानों के फायदे के लिए मोदी सरकार लेकर आई और संसद में पास कराया।  आज किसान आंदोलन का 38 वां दिन है और इसी के साथ साथ अन्नदाता की मौत और आत्महत्या के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच शनिवार सुबह सरदार कश्मीर सिंह नाम के एक किसान ने चलते-फिरते शौचालय में खुदकुशी कर ली। जानकारी के मुताबिक मरने से पहले उन्होंने सुसाइड नोट में आत्महत्या का जिम्मेदार सरकार को बताया है।

पोते के हाथों अंतिम संस्कार की इच्छा

जानकारी के मुताबिक नगर निगम की ओर से लगवाए गए मोबाइल शौचालय में एक बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या कर ली। मृतक किसान का नाम कश्मीर सिंह है। 75 साल के कश्मीर यूपी के रामपुर जिले की बिलासपुर तहसील इलाके के निवासी बताए जा रहे हैं। कश्मीर सिंह का सुसाइड नोट भी मिला है। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि जहां उनकी मौत हुई है, वहीं उनका पोता अंतिम संस्कार करे. उनकी अंत्येष्टि दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ही हो। वहीं किसान के आत्महत्या कर लेने से किसानों में आक्रोश है।

किसानों की मौत का सिलसिला कब तक ?

किसान कश्मीर सिंह ने अपने नोट में आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है उन्होंने  लिखा है की आखिर हम कब तक यहां सर्दी में बैठे रहेंगे। इसका कारण सिर्फ आंदोलन के मद्देनजर सरकार को फेल होना बताया है और कहा है की सरकार सुन नहीं रही है इसलिए अपनी जान देने जा रहा हूं। दिल्ली-हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर ठण्ड की वजह से भी कई किसान अपनी जान गवां चुके है। शुक्रवार को तबियत ख़राब होने की वजह से एक और किसान की मौत हो गई थी। किसान का नाम गलतान सिंह तोमर था। गलतान सिंह तोमर बागपत जिले के मोजिबाद गांव के रहने वाले थे। शुरूआती जांच के मुताबिक ठण्ड के वजह से उनकी मौत हो गई थी। आप को बता दे किसान गलतान सिंह तोमर पहले दिन से ही आंदोलन से जुड़े हुए थे।

Share.
Exit mobile version