NEW DELHI: कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया था। ऑक्सीजन की कमी से कई राज्यों में हाहाकार मच गया था। ऑक्सीजन सही समय पर नहीं मिलने की वजह से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। लेकिन राज्यों का कहना है कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई।केंद्र ने मंगलवार जानकारी देते हुए बताया कि केवल एक राज्य ने अब तक कोविड -19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण “संदिग्ध” मौत की सूचना दी है। बता दें कि ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा हाल ही में संसद में भी उठा था। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा था और मौजूदा सरकार से आंकड़े पेश करने को कहा था।

 केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकारों से पूछा गया कि क्या ऑक्सीजन की कमी से संबंधित मौतें हुई हैं। अब तक हमें मिली रिपोर्टों के मुताबिक, एक राज्य ने एक संदिग्ध मामले का उल्लेख किया है। बाकी राज्यों का कहना है कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी से  मौतों नहीं हुईं हैं। जिस एक राज्य ने माना है कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई हैं उस राज्य का नाम अभी सामने नहीं आया है। रिपोर्ट की माने तो पंजाब ने ऑक्सीजन की कमी के चलते 4 लोगों की मौत की बात मानी है। वहीं अरुणाचल प्रदेश, असम, ओडिशा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, झारखंड , हिमाचल प्रदेश और पंजाब समेत 13 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को रिपोर्ट तैयार कर सरकार के सामने पेश करनी थी।

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भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस साल की शुरुआत में दूसरी कोविड लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों पर डेटा उपलब्ध कराने के लिए कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 13 अगस्त को मानसून सत्र खत्म होने से पहले मौतों पर डेटा संसद में पेश किया जाना था।

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