कुदरत की मार से उत्तराखंड कराह रहा है. भारी बारिश और भूस्खलन से हालात लगातार बिगढ़ते जा रहे हैं. इसी बीच उत्तराखंड से हिमाचल के लिए ट्रैकिंग पर निकले 11 लापता ट्रेकर्स को लेकर दुखद खबर सामने आई है। इनमे से 7 के शव मिले हैं, जबकि 2 ट्रेकर्स का रेस्क्यू किया गया है। फिलहाल 2 लोग अभी भी लापता हैं. पिछले 11 अक्टूबर को यह दल उत्तराखंड से हिमाचल के छितकुल के लिए ट्रैकिंग पर रवाना हुआ था, हालांकि, खराब मौसम के कारण ये सभी लोग फंस गए।

7 लोग बंगाल के रहने वाले
ट्रैकर्स का जो दल लापता हुए, उनमें से 7 मेंबर्स पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं, जबकि 1 दिल्ली और 3 उत्तराखंड के रहने वाले थे। दरअसल, जब सभी ट्रैकर्स निर्धारित समय पर अपने निर्धारित स्थान पर नहीं पहुंचे तो ट्रेकर एजेंसी ने आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी सूचना दी, जिसके बाद हेलीकॉप्टर की मदद से रेसक्यू अभियान शुरू किया गया।

लमखागा पास से हुए थे लापता
पिछले 17 से 19 अक्टूबर के बीच लमखागा पास के नजदीक से ट्रैकर्स का यह दल लापता हो गया। लमखागा के पास सबसे कठिन दर्रा है जो किन्नौर जिले को उत्तराखंड के हर्षिल से कनेक्ट करता है. फिलहाल ट्रैकर्स को ढूंढने के लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

बर्फ में दबे हुए थे शव
रेस्क्यू टीम ने ट्रैकर्स के शव को अलग-अलग जगहों से बर्फ के नीचे से निकाला। सभी लोग बर्फ के निचे दबे हुए थे, इन सभी को इकट्ठा कर हेलीकॉप्टर के जरिए भेजा गया, इनमे से 1 की हालत बेहद नाजुत बताई जा रही है, लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है।

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यूके सरकार ने लमखागा दर्रे पर इस टीम के लापता होने की जानकारी हिमाचल सरकार को भेजी, इसके बाद राहत और बचाव का सन्युक्त अभियान शुरू हुआ। मरने वालों में से विकास मेकल राघव पुर नेपाल गंज 24 परगना बंगाल सौरभ घोष नेपाल गंज 24 परगना बंगाल, सुभियान दास 10/1A भट्टाचार्या जी इस्ट्रेट कालीघाट बंगाल, अनिता रावत M 95 हरिनगर दिल्ली, तन्मय किशन नगर कोलकाता बंगाल के नाम शामिल है।

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