चीन से तनातनी के बीच भारत ने देश में विकसित, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम और आवाज की गति से भी तेज चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज मीडियम रेंज मिसाइल ब्रह्मोस का ओडिशा के परीक्षण रेंज से शनिवार को सफल परीक्षण किया। मिसाइल को 10 बजकर 27 मिनट पर आईटीआर के लॉन्च कॉम्पलेक्स-3 से दागा गया। नौ मीटर लंबी और 670 मिमी व्यास वाली मिसाइल का कुल वजन लगभग तीन टन है। यह एक जहाज से दागे जाने पर ध्वनि की गति से 14 किमी की ऊंचाई तक जा सकती है। यह एक ठोस प्रणोदक द्वारा चार्ज की जाती है और 20 किलोमीटर की दूरी पर अपना मार्ग बदल सकती है। अग्नि के सिद्धांत पर काम करने वाली और 450 किलोमीटर की रेंज वाली इस मिसाइल में 200 किलो तक के पारंपरिक वारहेड ले जाने की क्षमता है।

दुनिया की सबसे तेज मिसाइल

भारत और रूस ने मिलकर सुपरसोनिक क्रूज मीडियम रेंज मिसाइल ब्रह्मोस को विकसित किया है। डीआरडीओ और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है। यह मिसाइल पहाड़ों की छाया में छुपे दुश्मनों के ठिकानों को निशाना बना सकती है। जानकारी के मुताबिक यह मिसाइल पहले से ही भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के पास है। इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है। भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर मिसाइल का नाम ब्रह्मोस रखा गया है।

पीएम मोदी ने दी बधाई

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों, इंजिनियरों और डीआरडीओ को बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने सफल परीक्षण लॉन्च के साथ एक और उपलब्धि हासिल की है, जो ऑपरेशनल क्षमताओं और अतिरिक्त स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करती है।

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इतिहास

ब्रह्मोस एयरोस्पेस को भारत के रक्षा शोध और विकास संगठन और रूस के एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है। इसका पहला सफल परीक्षण 12 जून, 2001 को किया गया था। इसके लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और रूस के प्रथम डिप्टी डिफेंस मंत्री एनवी मिखाइलॉव ने एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। ब्रह्मोस मिसाइल मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। क्रूज मिसाइल उसे कहते हैं जो कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरती है और रडार की आंख से बच जाती है। इसकी शक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चीन की सेना यह कहती रहती है कि अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर ब्रह्मोस की तैनाती के बाद से उनके तिब्बत और यूनान प्रांत पर खतरा मंडराने लगा है।

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