पूर्व राष्ट्रपति और ‘भारत रत्न’ से सम्मानित प्रणब मुखर्जी अब हमरे बीच नहीं रहे। वो 84 साल के थें। प्रणब मुखर्जी के निधन पर केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में 7 दिनों की राष्ट्रीय शोक का घोषणा किया है। मंगलवार को दिल्ली में 2.30 बजे अंतिम संस्कार है।

प्रणब मुखर्जी लंबे समय से बिमार चल रहे थे। उनको 10 अगस्त को दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने सोमवार को अंतिम सांस ली। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी। उनके ब्रेन में खून का थक्का जमने की शिकायत के बाद उनकी सर्जरी की गई थी। इसी दरमयान प्रणब मुखर्जी कोरोना से भी संक्रमित हो गए थें।

व्यक्तित्व के धनी और शालीनता भरी जिंदगी जीने वाले प्रणब दा कठोर फैसले लेने में कभी हिचकते नहीं थे। उन्होंने 5 साल के कार्यकाल में 97 फीसदी दया याचिकाएं खारिज कर दी थीं। अपने कार्यकाल के दौरान प्रणब मुखर्जी ने पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब, संसद पर हमले का आरोपी अफजल गुरु और मुंबई धमाकों का आरोपी याकूब मेमन के फांसी पर अपनी मुहर लगाई थी।

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