चेन्नई में शनिवार को हुई जोरदार बारिश के चलते जलभराव की समस्या उत्पन हो गई है, चेन्नई आज से छह साल पूर्व भी ऐसा मंजर देख चुका है। बीते दिन चेन्नई के अंदर भारी बारिश के कारण घरों में पानी घुस गया, पानी के स्तर को बढ़ता देख तीन जलाशयों के गेट को खोल दिया गया। जलभराव में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की चार टीमों को तमिलनाडु भेजा गया है, इस मामले में प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से बात की और उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।

रविवार को एनडीआरएफ की टीम ने तमिलनाडु में अपनी चार टीमों को तैनात किया है, एनडीआरएफ ने बयान जारी करके बताया कि तमिलनाडु के तिरुवल्लूर और चेंगलपट्टू जिले में हमारी एक-एक टीम और मदुरै जिले में दो टीमों को तैनात किया जा चुका है। एनडीआरएफ ने आगे कहा कि अरक्कोनम में हम लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और आईएमडी द्वारा जारी अलर्ट और राज्य प्रशासन के साथ एक जुट होकर अपना काम कर रहें हैं।

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बीते दिन बारिश से ग्रसित इलाकों का दौरा किया, आपको बता दे चेन्नई और 11 अन्य जिले बारिश की चमेट में आ चुके हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अक्टूबर महीने में उत्तर -पूर्वी मानसून की शुरूआत से अब तक पुडुचेरी और तमिलनाडु में 43 फीसदी से अधिक बारिश हुई है। शनिवार सुबह से कांचीपुरम, चेंगलपेट, तिरुवल्लुर और चेन्नई जैसे शहरों में लगातार बारिश हुई है, यह बारिश शनिवार पूरा दिन से लेकर रविवार तक होती रही। आपको बता दे यह पिछले कुछ सालों में हुई सबसे अधिक वर्षा है।

मौसम विभाग के उप निदेशक एस बालाचंद्रन ने बताया कि इससे पहले सबसे अधिक बारिश 1976 में हुई थी जो की 45 सेंटीमीटर थी। इसके बाद 1985 में चेन्नई में 33 सेंटीमीटर तक बारिश हुई थीं। 2015 में भी चेन्नई के अंदर 25 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हुई थी और इस बार अब तक 25 सेंटीमीटर के करीब बारिश हुई है।

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