कोरोनाकाल और ताऊते के बाद अब यास का कोहराम, लगता है प्रकृति बहुत गुस्से में है तभी तो हर बार 1 नई मुसीबत या कहे तो नया संकट लेकर अा रही है। ताऊते की तबाही खत्म होने के बाद अब यास बवंडर मचाने के लिए अपने ठिकाने से निकल चुका है और भारत में तबाही मचाने के लिए तैयार है यानी अगले 48 घंटे पूर्वी तटीय राज्यों पर भारी हैं। यास का आतंक बुधवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के समुद्र तट से टकराएगा। इससे पहले कई इलाकों में आज से ही बारिश शुरू हो गई है। ओडिशा के भुवनेश्वर, चांदीपुर और बंगाल के दिघा में आज बारिश हो रही है। वहीं तूफान को लेकर बिहार और झारखंड में भी अलर्ट जारी किया गया है। यास तूफान पारादीप और सागर आइलैंड के बीच बुधवार को टकराने की उम्मीद हैं। इसके असर से 165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और 2 मीटर से 4.5 मीटर तक लहरें उठ सकती हैं। मौसम विभाग का कहना है कि समुद्र तट से टकराने से पहले यास काफी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। समुद्र तट से गुजरने के बाद बुधवार दोपहर तक इसका असर और ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

बिहार में यास का अलर्ट

उड़ीसा से शुरू हुई तबाही का असर बिहार में भी देखने को मिलेगा। हालांकि बिहार आते – आते तूफान की तीव्रता समाप्त हो जाएगी। लेकिन प्रकृति के रौद्र रूप का कुछ पता नहीं। इसलिए बिहार में भी अलर्ट है। मौसम विभाग ने 26 और 26 के लिए येलो अलर्ट साथ ही 27 और 28 के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। तूफान का असर सीमांचल सहित पूरे बिहार पर पड़ेगा। खासकर भागलपुर के लिए 27 मई को रेड अलर्ट जारी किया गया है। यास तूफान के कारण मंगलवार की सुबह करीब चार बजे से भागलपुर में तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है। तूफानी हवाओं की गति करीब 150 किलोमीटर प्रति घंटा है। बारिश के कारण जगह-जगह जलजमाव हो गया है। बांका, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, खगडि़या, पूर्णिया, अररिया, किशगनंज, कटिहार, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा सहित सीमांचल व कोसी के इलाकों में भी सुबह से बारिश हो रही है। कहीं-कहीं से वज्रपात की भी खबरें सामने आई हैं।

यास के खिलाफ हम हैं तैयार

यास को देखते हुए केंद्र सरकार ने मोर्चा संभाल लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को तैयारियों की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल के मुख्‍यमंत्री और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्‍यपाल शामिल हुए। गृह मंत्री ने वरिष्‍ठ अधिकारियों को राज्‍यों के साथ हरसंभव सहयोग करने के आदेश दिए और ज्यादा रिस्क वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने को लेकर चर्चा की। वहीं पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आपदा राहत की टीमें तैनात हैं। एयरफोर्स और नेवी ने भी अपने कुछ हेलिकॉप्टर और नावें राहत कार्य के लिए रिजर्व रखे हुए हैं। तूफान को लेकर ओडिशा के बालासोर, भद्रक, केंद्रपारा, जगतसिंघपुर, मयूरभंज और केओनझार जिले हाई रिस्क जोन घोषित किए गए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य सरकार 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी है। उनका कहना है कि यास का असर अम्फान तूफान से भी काफी ज्यादा होगा। मतलब सरकार तैयार है और हमारी सेना पूरी तरीके से मुस्तैद हैं।

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