ई-वोटिंग मामले पर सुप्रीम कोर्ट में वकील ग़ालिब कबीर की तरफ से एक याचिका दाखिल की गई। लेकिन याचिक पर कोर्ट में सुनवाई बड़ी दिलचस्प हुई। इन दिनों कोर्ट में सारी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चल रही है। उसमें तकनीकी दिक्कतें अक्सर सामने आती हैं। ऐसा ही ई-वोटिंग पर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान भी हुआ। कार्यवाही शुरु हुई तो वकील साहब ने बोलना शुरु किया। थोड़ी देर बाद ही उनकी आवाज़ गायब हो गई। वकील साहब बोलते रहे लेकिन कोर्ट तक उनकी आवाज पहुंची ही नहीं। जिस पर चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने बड़े ही शायराने अंदाज में अपनी बात रखी।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने वकील से पूछा “ग़ालिब भी और कबीर भी! नाम तो आपका बड़ा दिलचस्प है. खैर बताइए क्या चाहते हैं? कोर्ट के सवाल का जवाब देते हुए ग़ालिब ने बताया- हमारी याचिका देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग लागू करने को लेकर है। इसके बाद वकील साहब बोलते रहे लेकिन उनकी आवाज़ गायब हो गई। जजों ने थोड़ी देर तक धैर्य रखा। लेकिन वकील की आवाज़ स्पष्ट नहीं हुई। आखिरकार, बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस ने कहा, देखिए, यह तो हाल है। हम आपकी बात सुन नहीं पा रहे और आप चाहते हैं कि देश के हर वोटर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग करवाई जाए।

ई-वोटिंग पर ‘सुप्रीम’ फैसला

तकनीकी खराबी हुई तो जजों ने उदाहरण देकर कहा कि आपकी आवाज ही हमारे तक नहीं पहुंच पा रही है और आप चाहते हैं कि देश के हर वोटर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग करवाई जाए। जजों की बात सुन कर वकील ने जवाब देने की कोशिश की। लेकिन जज याचिका को लेकर भी आश्वस्त नहीं थे। बेंच के तीनों जजों ने थोड़ी देर चर्चा की और कहा, यह मामला ऐसा नहीं, जिसमें कोर्ट आदेश दे। इस तरह का फैसला सरकार को लेना होता है। आप सरकार को ज्ञापन दे सकते हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि अगर याचिकाकर्ता सरकार को ज्ञापन सौंपता है, तो उस पर विचार कर उचित फैसला लिया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया।

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