New Delhi: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 40वां दिन है. किसान लगातार दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. इस बीच किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता फेल हो चुकी है, ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट भी किसानों के आंदोलन पर कोई बड़ा फैसला दे सकता है. बता दें कि पिछले कई हफ्तों से कोर्ट सर्दियों की छुट्टियों के कारण बंद था, लेकिन अब कोर्ट खुल गया है तो उम्मीद जताई जा रही है कि इसपर जल्द सुनवाई होगी।

पिछली सुनवाई में क्या हुआ?
किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले 17 दिसंबर को हुई थी. हालांकि 17 दिसंबर को जिन याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी, उनमें सड़क से किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका भी लिस्ट में शामिल की गई थी। उसमें कुछ याचिकाओं में किसान आंदोलन के समर्थन में भी सुनवाई के लिए अनुरोध किया गया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपनी तरफ से किसान संगठनों का भी पक्ष सुनकर कोई आदेश देनें का फैसला किया था। इसी के वजह से सुनवाई टाल दी गई।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों को एक साथ जोड़ा:
किसान आंदोलन को लेकर जो याचिकाएं दाखिल की गई है, उनपर सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लेकर सभी मामलों को एक साथ जोड़ दिया है. मतलब ये कि कोर्ट अलग- अलग दायर कि गई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा। वहीं कोर्ट ने अपनी तरफ से गतिरोध को दूर करने की मंशा से सरकार से पूछा था कि, “क्या वह कानूनों की वैधता पर फैसला होने तक उनके अमल पर रोक लगा सकती है?”

किसानों और सरकार के बीच गतिरोध जारी:
नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच लगातार गतिरोध जारी है. एक तरफ किसान अपनी मांगों लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं तो वहीं सरकार के साथ उनकी कई दौर की वार्ता विफल हो चुकी है. ऐसे में आंदोलन और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

क्या कृषि कानून पर लगेगी रोक?
सुप्रीम कोर्ट क्या नए कृषि कानूनों पर रोक लगाएगा? इस सवाल का जवाब आज हर कोई जानना चाहता है. हालांकि अभी कोर्ट में सुनवाई के बाद हीं इस सवाल का मुक्कमल जवाब मिल पाएगा। वहीं जानकार मानते हैं कि कोर्ट की तरफ से कोई संतुलित आदेश आ सकता है. सुप्रीम कोर्ट को शांतिपूर्ण विरोध के मौलिक अधिकार के साथ शाहीन बाग मामले में दिए अपने फैसले का भी ध्यान रखना होगा।

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