नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच 26 जनवरी को गृणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों द्वारा निकाले गए ट्रैक्टर मार्च के दौरान लाल किले में हुए हिंसा के मद्देनजर आज सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस मामलों में दखल देने से इंकार कर दिया।कोर्ट ने कहा कि फिलहाल वे इस मामले में दखल नहीं देंगे। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाएं हुए हैं और कानून को जो उचित लगेगा उस पर कार्रवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मैने पीएम मोदी को कहते सुना है कि वे पूरे घटनाक्रम को गंभीरतापूर्वक ले रहे हैं इसलिए आपलोग केंद्र सरकार को अपना ज्ञापन सौंपे फिलहाल वे इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। कानून सम्मत जो उचित होगा उसपर वही कार्रवाई करेंगे।

आपको बता दे कि गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले में हुई हिंसा के मामले में अलग अलग लोगों के द्वारा पांच याचिकाएं दायर की गई थी। जिसमें किसी ने अंतर्राष्ट्रीय साजिश के मद्देनजर एनआईए से जांच की मांग की थी तो किसी ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की गलती की जांच की मांग की थी। तो किसी ने सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त जज से पूरे मामले की जांच की मांग की थी।

इन सबके बीच गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले में हुई हिंसा के आरोपियों पर दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दिया है। दीप सिद्धू, जुगराज सिंह के अलावा चार अन्य लोगों की सूचना देने वालों को दिल्ली पुलिस एक लाख रूपये का पुरस्कार देने का आह्वान किया है। ये वही लोग हैं जो लाल किले पर धर्म विशेष के झंडे फहराने और लोगों को उकसाने का काम कर रहे थे। इसके अलावे पुलिस ने फरार चल रहे चार अन्य आरोपियों की सूचना देने वालों को पचास हजार रूपये देने की घोषणा की है। गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा की जांच के लिए दिल्ली पुसिल ने ज्वाइंट कमिश्नर बीके सिंह के अगुआई में एक एसआईटी का गठन कर दिया है जो पूरे मामले की जांच करेगा।

Share.
Exit mobile version