By- Omprakash Sharma

शुक्रवार यानी 11 सितंबर का दिन मोदीनगर वासियों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आया। यहां के लोगों को सालों बाद खुश होने का मौका मिला। क्योंकि रोजगार आने वाले हैं, मोदीनगर को फिर पहले की तरह चमकाने का प्लान बनाया जा रहा है। स्व. रायबहादुर गूजर मल मोदी के खुशहाल सपनों को सजाने की तैयारी शुरु हो चुकी है। मोदी इंडस्ट्रीज के चहुमुखी विकास के लिए मोदी शुगर मिल के प्रबंध निदेशक उमेश मोदी और उनके चचरे भाई एमके मोदी के बीच एक समझौता तय हुआ है। इस समझौते के तहत मोदी इंडस्ट्रीज का सारा दारोमदार स्व. रायबहादुर गुजर मल मोदी के छोटे पुत्र उमेश मोदी के पास है।

विवाद खत्म, अब होगा विकास

मोदी इंडस्ट्रीज के पुनर्जन्म से मोदीनगर वासियों को रोजगार की चिंता से राहत मिल गई है। इंडस्ट्रीज का विकास कैसे किया जाएगा क्या आने वाले समय की प्लानिंग होगी यह सारी बातें उमेश मोदी ग्रुप द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताई गईं। इस मौके पर उमेश मोदी के अलावा उनके बेटे अभिषेक मोदी, वरिष्ठ प्रबंधक एन.पी. बंसल और अनिल गुप्ता भी मौजूद रहे। इंडस्ट्रीज के विकास संबंधी योजनाओं की जानकारी देते हुए उमेश मोदी ने सबसे पहले बताया कि उद्योग स्थापिक करने में दिक्कतों का सामना क्यों करना पड़ रहा था। उन्होंने कहा, पारिवारिक विवाद के चलते मोदी इंडस्ट्री का स्वामित्व दो ग्रुपों में बंटा हुआ था। एक ग्रुप के मालिक उमेश मोदी थे और दूसरे ग्रुप का स्वामित्व एम के मोदी के पास था। जो अपने हिस्से के सालों से बंद पड़े उद्योगों को चलाने के इच्छुक नहीं थे। दूसरी तरफ उन्होंने पुराने उद्योगों के स्थान पर कई लघु उद्योग स्थापिक कर उनमें पुराने उद्योगों के कर्मचारियों या उनके बालिग बच्चों को नौकरी दी। उमेश मोदी का कहना था कि, वह काफी समय से प्रयास में थे कि या तो एम के मोदी बंद पड़े उद्योगों को दोबारा चलाएं अन्यथा अपने हिस्से की बंद फैक्ट्रियों के शेयर उनको ट्रांसफर कर दें। लेकिन कई सालों से कोई रास्ता निकल नहीं पा रहा था। हालांकि अब उनके और एम के मोदी के बीच समझौता हो गया है। समझौते के तहत अब पूरी इंडस्ट्रीज का स्वामित्व उनके पास है।

5 साल के अंदर रोजगार की बहार

उमेश मोदी ने बताया कि आगामी 5 साल के भीतर मोदी इंडस्ट्रीज में बंद पड़े उद्योगों को या तो पुराने स्वरुप में अथवा नया स्वरुप देकर शुरु किया जाएगा। इससे करीब 500 युवकों को रोजगार मिलेगा। इसी तरह तीन महीने में बंद पड़ी मोदी आर्क इलेक्ट्रोड को दोबारा चालू कर दिया जाएगा। हालांकि इस पर करीब 10 से 12 करोड़ का खर्चा आएगा। इसके अलावा मोदी हेल्थ केयर और मोदी डिस्टलरी को नया औद्योगिक स्वरुप देकर उसका भी विस्तार किया जाएगा। मोदी डिस्टलरी का विस्तार करके ग्रेन डिस्टलरी स्थापित की जाएगी ।

मोदीनगर का नाम फिर होगा रोशन

उमेश मोदी ने कहा कि देश में दो नगर ऐसे हैं जो उद्यमियों के नाम से जाने जाते हैं। बिहार का जमशेदपुर टाटा नगर जो टाटा के नाम पर और दूसरा उत्तर प्रदेश का मोदीनगर जो उनके पिता स्व: रायबहादुर के नाम से जाना जाता है। इसी के चलते इस नगर से उनके परिवार का बहुत लगाव है। उनका कहना है कि किसी भी नगर का विकास उद्योग स्थापना से होता है। यहां उद्योग स्थापित होंगे तो नगर वासियों के साथ साथ क्षेत्र का भी विकास होगा और उससे मोदीनगर का नाम भी रोशन होगा। उन्होंने बताया कि, उनका प्रयास होगा की मोदी इंडस्ट्रीज में नए-नए उद्योग लगाकर मोदी नगर के पुराने औद्योगिक स्वरुप को वापस लाया जाए। नगर वासियों का सहयोग मिला तो वह इस सपने को जरुर साकार करेंगे।

किसानों के लिए खुशखबरी

मोदी इंडस्ट्रीज के दोबोरा शुरु होने से किसानों के लिए भी अच्छी खबर है। मोदी शुगर मिल पर गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर पूछे गए सवाल पर उमेश मोदी ने कहा कि, पारिवारिक विवाद के चलते किसानों को गन्ना भुगतान विलंब हो रहा है जो अब सब ठीक हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मोदी शुगर मिल पर किसानों का करीब दो सौ करोड़ का बकाया है जबकि मोदी इंडस्ट्रीज की करीब एक हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति है।

मोदीनगर बनेगी स्मार्ट सिटी

कारोबारी उमेश मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आगे कहा कि, उनका दूरदर्शी प्लान है कि मोदीनगर को स्मार्ट सीटी बनाया जाएगा। इस दिशा में काम शुरु कर दिया गया है। इसी के तहत हापुड़ रोड़ स्थित  दयावती मोदी पब्लिक स्कूल में विश्व स्तर का सभागार बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, मोदीनगर सांस्कृतिक शहर है। आधुनिक ओडीटोरियम बनने से यहां सांस्कृतिक गतिविधियां को गति मिलेगी।

पिता के सपने होंगे साकार

उमेश कुमार मोदी ने कहा कि, यह शहर उनके पिता स्व: रायबहादुर गूजरमल मोदी ने 1933 में बसाया था। वह उनके सबसे छोटे पुत्र हैं। उनके पिता ने अंतिम समय इसकी जिम्मेदारी उनको सौंपी थी। उनका हर संभव यही प्रयास है कि वह अपने बेटे अभिषेक मोदी और जयेश मोदी के साथ मिलकर पिता के सपनों को साकार करें। इस मौके पर लाइजनिंग ऑफिसर डीडी कौशिक, सुभाष शर्मा, नवल कुमार और विनय आदि मौजूद रहे।

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