उत्तराखंड में ट्रेनी डॉक्टरों ने अपने कार्य से पीछे हटने का फैसला ले लिया है। ट्रेनी डॉक्टरों का कहना है कि हमें इतना कम वेतन दिया जा रहा है जितना कम तो मजदूर को भी नहीं दिया जाता। हमारे वेतन से ज्यादा तो एक मजदूर का वेतन है। डॉक्टरों का कहना है कि हमें लगभग ₹7000 वेतन के रूप में दिया जा रहा है यह एक दैनिक मजदूर के वेतन से भी कम है इतने कम वेतन में हम डॉक्टर्स कैसे काम कर सकते हैं? उत्तराखंड के तीनों मेडिकल अस्पतालों में ट्रेनिंग ले रहे डॉक्टरों ने कहा कि हम लोगों ने कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की इतनी सेवा की है और उसके बदले में हमें हमारा अधिकार नहीं मिल रहा है इतना कम वेतन लेकर हम लोग कैसे अपने परिवार का पालन पोषण करेंगे ?

सामान्य तौर पर भारत के अंतर्गत जो भी मेडिकल कॉलेज आते हैं अस्पताल की तरफ से ट्रेनी डॉक्टरों को लगभग ₹25000 वेतन दिया जाता है यह वेतन हमें भी दिया जाना चाहिए। उत्तराखंड मेडिकल अस्पताल की तरफ से हमें बिल्कुल नजरअंदाज किया जा रहा है ना ही हमारी बातों को सुना जा रहा है और ना ही हमारी मांगों को पूरा किया जा रहा है इतना कम वेतन देकर बस हमारा अपमान किया जा रहा है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो हम लोग कार्य बहिष्कार के अलावा अनशन पर भी चले जाएंगे हम लोग खाना पीना बंद कर देंगे भूख हड़ताल कर देंगे। उत्तराखंड मेडिकल अस्पताल की तरफ से दावा किया गया था कि महीने में ₹60,000 प्रतिमाह Corona मरीजों की सेवा के लिए दिया जाएगा लेकिन वह अपनी कही बात से पीछे हट रहे हैं। ट्रेनी डॉक्टरों की ओर से हेल्थ डिपार्टमेंट को अपनी मांग पूरी करवाने के लिए अर्जियां भेजी जा रही हैं।

उसी जगह अस्पताल के डायरेक्टर, समीक्षक का कहना है कि ट्रेनी डॉक्टरों को इस समस्या से जल्द ही मुक्त किया जाएगा और उन्हें उनके कार्य पर वापस लौटना होगा।

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