Uttarakhand: उत्तराखंड में भारी बारिश अब मुसीबत बनती जा रही है। बारिश के बाद कोसी सहित कई नदियां उफान पर है। कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से मुख्य मंदिर के पास स्थित दुकानें जलमग्न हो गई है। भारी बरसात के बाद यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर भी अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद शुक्रवार रात से उत्तराखंड में रामनगर समेत पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। इसी वजह से नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। अक्टूबर के महीने में जारी बारिश ने वेस्टर्न डिस्टरबेंस बताई जा रही है। लेकिन मौसम में बदलाव का कारण वैज्ञानिकों ने क्लाइमेट चेंज को बताया है।

मौसम बदलाव का प्रमुख कारण

वैज्ञानिकों का मानना है कि गाड़ियों का ज्यादा इस्तेमाल प्रदूषण को बढ़ाता हैं। पिछले कुछ सालों में पेड़ों का कटना भी ज्यादा हुआ है। जिस वजह से मौसम में बदलाव नजर आया है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि हाल ही के दिनों में क्लाउडबर्स्ट जैसी घटनाएं अक्सर देखने को मिली है हालांकि एवलांच का आना भी जरूरी है। स्टडी में पाया गया है कि यह मौसम में बदलाव का प्रमुख कारण है। मौसम में बदलाव अपने साथ कई दुष्परिणाम भी लेकर आता है, जिस कारण वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ी है।

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प्रकृति के साथ छेड़छाड़ महंगा

भारतीय वैज्ञानिक लगातार जलवायु परिवर्तन पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने हिदायत भी दी है कि प्रकृति से छेड़छाड़ करना महंगा हो सकता हैं। वैज्ञानिकों ने पेड़ों की कटाई के साथ वृक्षारोपण और प्रदूषण कम करने की भी अपील की है। पेड़ों की कटाई करना जलवायु को प्रभावित करना है। मौसम विभाग ने 12 अक्टूबर तक देश के कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, उत्तराखंड, अंडमान निकोबार, तमिलनाडु, पश्चिमी मध्य प्रदेश आदि राज्यों में मध्यम बारिश दर्ज की गई है।

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