Uttarakhand: उत्तराखंड में सेना के साजो-सामान को तैयार करने के लिए आईआईटी रुड़की स्थानीय उद्योगों को तकनीक उपलब्ध कराएगा। आईआईटी रुड़की को रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों को तकनीक प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र बनाने की तैयारी है।

आईआईटी रुड़की को रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। प्रौद्योगिकी विकास निधि की निदेशक निधि बंसल ने कहा कि रक्षा निर्माण में आधुनिक प्रौद्योगिकी क्षमता बढ़ाने के लिए डीआरडीओ के माध्यम से योजना शुरू की गई। जिससे उद्योग और स्टार्टअप मौजूदा व भविष्य की हथियार प्रणाली के लिए नई तकनीक को विकसित कर सकेंगे।

रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के माध्यम से प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना चलाई गई। इस योजना के तहत रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों को तकनीकी विकास के लिए केंद्र की ओर से 10 करोड़ तक वित्तीय सहायता दी जा रही है।

शनिवार को उद्योग निदेशालय में डीआरडीओ, उद्योग विभाग और इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें प्रदेश के उद्यमियों और स्टार्टअप को प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना में दिए जाने वाले प्रोत्साहन के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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योजना में 56 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई

प्रौद्योगिकी विकास निधि की निदेशक निधि बंसल ने कहा कि रक्षा निर्माण में आधुनिक प्रौद्योगिकी क्षमता बढ़ाने के लिए डीआरडीओ के माध्यम से योजना शुरू की गई। जिससे उद्योग और स्टार्टअप मौजूदा व भविष्य की हथियार प्रणाली के लिए नई तकनीक को विकसित कर सकेंगे।

अब तक योजना में 56 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। 135 प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण किया जा रहा है। इसके लिए 147 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। इस योजना में डीआरडीओ के 1236 विशेषज्ञ जुड़े हैं। जो 3563 कंपनियों को सहयोग दे रहे हैं। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने प्रदेश में रक्षा विनिर्माण के लिए उद्यमियों के कई मुद्दों को उठाया।

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