पश्चिम बंगाल देश का इकलौता ऐसा राज्य है। जहां पर सबसे ज्यादा राजनैतिक हत्याएं होती है। एनसीबी के आंकड़े भी ममता के बंगाल की सबसे खतरनाक कहानी बयां करते हैं। बंगाल में टीएमसी के समर्थक हो या बीजेपी के अकसर राजनीति की बलि चढ़ जाते हैं। यही कराण है कि, बीजेपी और टीएमसी एक दूसरे पर तीखे हमले बोलते रहते हैं। पश्चिम बंगाल की मख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पर अकसर बीजेपी की तरफ से गंभीर आरोप लगाये जाते हैं। जिससे विवाद खड़ा हो जाता है। एक बार फिर से पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। जिससे सियासी पारा चढ़ गया है।आपको बता दें, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बीजेपी नेता मनीष शुक्ला को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया है। जिसके बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेताओं में गुस्सा फूट पड़ा है और मामला राज्यपाल जगदीप धनकड़ से एडिश्नल चीफ होम सेक्रेटरी और डीजीपी को तक पहुंच गया है।
मनीष शुक्ला की रविवार शाम पार्टी ऑफिस जाते वक्त मार दिया गया था। मनीष को टीटागढ़ पुलिस स्टेशन के पास ही गोली मारी गई। इससे आप पश्चिम बंगाल में गुंडागर्दी का अंदाजा लगा सकते हैं। बीजपी कार्यकर्ता ने स्थानीय अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली। बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के बाद बीजेपी समर्थकों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। बीजेपी की तरफ से टीएमसी को इस हत्या का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वहीं, पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मनीष शुक्ला की हत्या को टीएमसी की खूनी राजनीति का हिस्सा बताया है। बीजेपी के महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने बीजेपी नेता की सीबीआई से जांच कराने को कहा है। बीजेपी नेता की हत्या के पीछे क्या है असली वजह है ? सामने तो नहीं आ सकी है लेकिन पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच विवाद बढ़ गया।