New Delhi: भले हीं राजधानी दिल्ली यमुना नदी के किनारे बसा है, लेकिन दिल्ली में भीषण गर्मी के कारण सूखा आ गया है. यमुना नदी सूख गई है। दरअसल दिल्ली में यमुना 55 सालों के बाद ऐसी स्थिति में है। एक हफ्ते पहले जहां यमुना नदी 8 से 9 फीट की ऊंचाई तक यमुना नदी बह रही थी, वहां भी पानी सूख गई है। हालात ऐसे हो गए हैं, जैसे लग रहा है कि दिल्ली में आकाल आया हुआ है।

ऐसा कैसे हुआ:
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, “हरियाणा के हथिनी कुंड से पिछले कई दिनों से पानी नहीं छोड़ा गया है. इस वजह से दिल्ली तक पर्याप्त पानी नहीं पाया है. साथ ही एक वजह यह भी हो सकती है कि पिछले साल 2020 में बाढ़ भी नहीं आई थी, जिस वजह से पानी का स्तर भी कम हुआ है.”

वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोडक्शन पर पड़ा असर
राजधानी दिल्ली के 3 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोडक्शन पर यमुना के सूखने के कारण असर पड़ा है। राजधानी में पानी की कमी के कारण वीवीआईपी इलाकों में भी पानी सप्लाई पर असर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। दिल्ली जल बोर्ड ने इसके लिए चेतावनी जारी की है।

हरियाणा से दिल्ली को मिलता है पानी
राजधानी दिल्ली को हरियाणा दिल्ली सब ब्रांचऔर रिवर यमुना से पानी देता है। इन चैनलों को मिलाकर 1133 क्यूसेक पानी हरियाणा से दिल्ली को मिलनी चाहिए। इसमें भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड का हिस्सा भी है। हालांकि ताजा समय में यह आंकड़ा सिर्फ 920 क्यूसेक के करीब है।

1965 के बाद सबसे कम जलस्तर!
राजधानी दिल्ली में ऐसा 1965 के बाद पहली बार हुआ है जब यमुना नदी सूख गई है. दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा कि, “1965 के बाद पहली बार वजीराबाद बैराज में जलस्तर सबसे कम है. नदी इतनी ज्यादा सूख गई है कि रिवर बेड नजर आने लगा है. इस सूखे इलाके में हॉकी, गिल्ली-डंडा खेला जा सकता है. पानी इतना कम है कि अब नाव नहीं चलाई जा सकती है.”

Share.
Exit mobile version