प्रसन्ना वेंकटचलपति मंदिर के कपाट आज वैंकुंड एकादशी के अवसर पर कोरोना की गाइड लाइंस का पालन करते हुए खोल दिए गए हैं। भगवान पेरुमल, ‘रत्नंगी’ में शामिल हुए, COVID प्रतिबंधों के कारण भक्तों के बिना अनुष्ठान के बाद एक जुलूस में ले जाया गया। गुरुवार को अलगरकोइल में कल्लालगर मंदिर और तल्लाकुलम में प्रसन्ना वेंकटचलपति मंदिर में परमपद वासल के उद्घाटन समारोह के लिए किसी भी भक्त को अनुमति नहीं दी गई।आपको बता दें, इससे पहले मंदिर के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, कोरोना के चलते भक्तों को सुबह 5 बजे से 5:50 बजे के बीच होने वाले समारोह में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी, हालांकि, भक्तों को मंदिरों में दर्शन के लिए अनुमति दी जाएगी। सुबह 7 बजे से भक्त भगवान के दर्शन कर सकते हैं और वो भी कोरोना का गाइड लाइंस के चलते।

आपको बता दें, प्रसन्ना वेंकटचलपति  मंदिर  के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि,भगवान वेंकटेश्वर तिरुमाला की यात्रा के दौरान यहाँ आराम करने के लिए रुकते हैं। श्री पद्मावती अम्मवारू से अपने विवाह के पश्चात भगवान वेंकटेश्वर ने श्री सिद्धेश्वर तथा अन्य साधुओं को यहाँ आशीर्वाद दिया था।

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अप्पलयागुंटा में स्थित श्री प्रसन्न वेंकटेश्वर मंदिर तिरुपति से 4 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां हजारों की संख्या में श्र्धालु पहुंचते हैं। इस मंदिर को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं। जिनको जानने और देखने के लिए प्रसन्न वेंकटेश्वर मंदिर लोग पहुंचते हैं।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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