केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता वार्ता शुरू करने के लिए ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार विदेश मंत्री एनी ट्रेव से मुलाकात की। इस बात की जानकारी उन्होंने ट्वीट के जरिए दी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को लाभ पहुंचाने वाले पारस्परिक हित के व्यापार अवसरों की एक श्रृंखला पर विचार-विमर्श किया जाएगा। बता दें कि सरकार का लक्ष्य है कि 2022 तक यूएई, यूके और ऑस्ट्रेलिया के साथ तीन प्रमुख व्यापार समझौतों को करना और दक्षिण कोरिया के साथ एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) को संशोधित करना। सरकार मुक्त व्यापार समझौता पर काम कर रही है जिसे बाकी देशों के साथ व्यापारिक रिश्तों को मजबूत किया जा जाए और खुलापन आए।

 ऐतिहासिक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने का होगा काम


वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने समझौता वार्ता को लेकर कहा कि एक एफटीए भारत के साथ देश की ऐतिहासिक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाएगा और स्कॉच व्हिस्की, वित्तीय सेवाओं और अत्याधुनिक नवीकरणीय प्रौद्योगिकी को कुछ प्रमुख क्षेत्रों में लाभ के लिए निर्धारित किया गया है। ये शुरुआत के बाद बातचीत करने वाली टीमों के बीच औपचारिक वार्ता की ब्रिटेन की सबसे तेज शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि भारत की उभरती अर्थव्यवस्था के साथ एक व्यापार सौदा ब्रिटिश व्यवसायों, श्रमिकों और उपभोक्ताओं को लाभ देगा। जैसा कि हम भारत के साथ अपनी ऐतिहासिक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाते हैं, यूके की स्वतंत्र व्यापार नीति देश भर में रोजगार पैदा कर रही है, मजदूरी बढ़ा रही है और नवाचार चला रही है।

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वित्तीय वर्ष 2023 तक भारत सरकार करना चाहती है  500 अरब डॉलर का निर्यात

बता दें कि यूके के साथ भारत एन्हांस्ड ट्रेड पार्टनरशिप के मुद्दे पर चर्चा कर रहा है। भारत सरकार वित्तीय वर्ष 2023 तक 500 अरब डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को पूरा करना चाहती है। इसलिए सरकार पिछले व्यापार समझौते के साथ-साथ नए तरीकों पर भी काम कर रही है। बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछली सरकार द्वारा हस्ताक्षरित मौजूदा एफटीए और सीईपी की अक्सर आलोचना की है क्योंकि भारतीय निर्यात में मामूली वृद्धि के बदले में बहुत अधिक दिया गया है।

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