Sawan Putrada Ekadashi: सावन का पवित्र महीना चल रहा है। 8 अगस्त यानि आज सावन का अंतिम सोमवार है। इस बार विशेष संयोग के साथ सावन के अंतिम सोमवार के दिन पुत्रदा एकादशी भी है। इस दिन महादेव के संग भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद सभी भक्तों को मिलेगा। बता दें, एकादशी के कथा एवं पाठ से व्यक्ति का सभी पाप खत्म हो जाता है। इसके साथ साथ वंश की वृद्धि होती है। शास्त्रों के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष को पुत्रदा या पवित्रा एकादशी आता है। इस दिन भगवान विष्णु का अच्छे मन से पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस सावन एकादशी 8 अगस्त को है। संजोग से इसी दिन सावन का अंतिम सोमवार भी है। बता दें, इस दिन सच्ची भक्ति से भगवान विष्णु के साथ साथ महादेव का कृपा भी बरसेगा।

इस व्रत का क्या है महत्व

एकादशी व्रत का महत्व भगवान श्री कृष्ण से स्वयं गीता में कहा है- ‘मैं वृक्षों में पीपल एवं तिथियों में एकादशी हूं’ । हिंदू धर्म में एकादशी के समान कोई भी व्रत नहीं है। भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर को एकादशी के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि मुझे किसी भी व्रत अनुष्ठान से उतनी प्रसन्नता नहीं मिलती है जितनी एक एकादशी के व्रत से मिलती है। इस दिन ये व्रत करने से भगवान विष्णु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। ये व्रत करने से अग्निष्टम यज्ञ का फल व्रती को प्राप्त करता है। पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है।

पूजा की विधि

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा सच्चे मन एवं पूरे विधिविधान से करनी चाहिए। इस दिन रोली, पीले चंदन, अक्षत पीला फूल, मधुर आदि भगवान विष्णु के सामने अर्पित करें। इसके बाद सभी सामग्री के साथ भगवान की धूप दीप से आरती एवं पाठ करें। भगवान विष्णु की आरती करने के बाद उस दीप को दान कर दें। एकादशी के दिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करें। इस दिन विष्णु सहस्रनाम का भी पाठ करना चाहिए। इसका बहुत शुभ परिणाम मिलता है।

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संतान कामना के लिए जो इस व्रत को करते हैं उन्हें इस दिन बाल कृष्ण का पूजा करना चाहिए। इस दिन दंपत्ति को प्रातः काल में स्नान करके पीले वस्त्र पहनकर भगवान कृष्ण का पूजा करना चाहिए। इसके साथ संतान गोपाल का मंत्र भी जाप करें। मान्यता है पवित्रा एकादशी की कथा का पाठ करके सभी पापों का नाश हो जाता है। ये व्रत करने से वंश वृद्धि होती है।

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पुत्रदा एकादशी का क्या है शुभ मुहूर्त

  • शुभ एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 अगस्त सुबह 11:50 मिनट से शुभारंभ।
  • 8 अगस्त के रात 9:00 समापन।
  • हिंदू धर्म में उदय का ही महत्व है। इसलिए एकादशी का व्रत 8 अगस्त को ही रखा जायेगा।

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मेरा नाम श्रीया श्री है। मैं पत्रकारिता अंतिम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे लिखना बेहद पसंद है। फिलहाल मैं डीएनपी न्यूज नेटवर्क में कंटेंट राइटर हूं। मुझे स्वास्थ्य से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता है और इसलिए मैं हेल्थ पर आर्टिकल्स लिखती हूं। इसके अलावा मैं धर्म, लाइफस्टाइल, एस्ट्रोलॉजी और एजुकेशन के विषय में भी आर्टिकल लिखती हूं।

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