केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जा रही कक्षा 10 और 12वीं की बोर्ड की परीक्षाओं के बीच सीबीएसई में एक बड़ा फैसला लिया है। सीबीएसई के मुताबिक जो छात्र ना तो पहले चरण की परीक्षाओं में शामिल हुए हैं ना ही दूसरे चरण की परीक्षा दी , वैसे छात्रों को अब तीसरा मौका नहीं दिया जाएगा। ऐसे छात्रों को दोबारा से वही क्लास रिपीट करना होगा। ये छात्र सिर्फ अगले साल आयोजित होने वाली सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।

सीबीएसई ने यह भी फैसला लिया है कि इन छात्रों को इस साल कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी। गौरतलब है कि सीबीएसई द्वारा इस साल बोर्ड की परीक्षाएं दो अलग-अलग चरणों में ली जा रही है। यह परीक्षा का दूसरा चरण है। पहला चरण पिछले साल नवंबर दिसंबर महीने के दौरान आयोजित किया गया था। यह बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन मोड में आयोजित की जा रही है।

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज के मुताबिक दूसरे चरण में इस बार दसवीं और बारहवीं की परीक्षा एक शिफ्ट में आयोजित की जा रही है। सीबीएसई 50 पीस दिल सिलेबस के लिए यह परीक्षाएं आयोजित कर रहा है। बची हुई 50% सिलेबस के लिए परीक्षाएं पिछले साल पहले चरण में आयोजित हो चुकी है।

बता दे सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा पात्रता और रिजल्ट संबंधी गाइड लाइन बनाई है। हालांकि यदि कोई छात्र किसी एक चरण की परीक्षाएं पूरी देख चुका है और कोरोना के कारण दूसरे चरण की परीक्षा नहीं दे पाया तो ऐसे छात्रों के लिए मूल्यांकन के विशेष तरीके उपलब्ध कराए जा सकते हैं। सीबीएसई के मुताबिक छात्रों के लिए विकल्प उपलब्ध होंगे और उन्हें एसेंशियल रिपीट की कैटेगरी नहीं रखा जाएगा।

आपको यह भी बता दें कि सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज बताते हैं कि कोरोना के कारण ही बोर्ड परीक्षाओं को दो हिस्सों में बांटा गया है। इसका उद्देश्य यही था कि कोरोना के कारण अगर किसी एक चरण की परीक्षाएं ना ली जा सके तो दूसरे चरण की परीक्षाओं के आधार पर छात्रों का परीक्षा परिणाम जारी किया जा सकेगा।

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