मथुरा। विद्यार्थियों को उद्योग जगत की मांग के अनुरूप तैयार करने के लिये सतत रूप से प्रयासरत जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के प्रबंधन संकाय में प्रतिष्ठित महिंद्रा डिफेंस की मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सीमा बांगिया ने संकाय के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों से रूबरू होकर अपना अनुभव एवं ज्ञान साझा किया। उन्होंने कोविड काल के दौरान मानव संसाधन के क्षेत्र में आये बदलावों, संस्थानों के समक्ष उत्पन्न हुई चुनौतियों एवं उनका सामना करने हेतु तैयार की गई रणनीतियों पर प्रकाश डाला एवं समयानुसार आवश्यक बदलावों के समावेश को किसी भी संस्थान के लिए एक चुनौती और कुछ बेहतर करने हेतु एक अवसर के रूप में समझाया।

उन्होंने कहा कि आज के समय के विद्यार्थी ही भविष्य के प्रबंधक व उद्यमी हैं। अब यह ज़रूरी है कि आवश्यक किताबी ज्ञान देने के साथ ही इनके अंदर दूसरों के प्रति सहानुभूति और संवेदना का भाव जाग्रत किया जाये, जिससे कार्यस्थल पर सभी के साथ मिलकर बेहतरीन प्रदर्शन कर पायें। जीएलए प्रबंधन संकाय निदेशक प्रो. अनुराग सिंह ने सत्र के शुभारंभ में स्वागत उद्बोधन दिया और कहा कि उद्योग व शिक्षा जगत दोनों ही एक दूसरे की ज़रूरतों को पूरा करते हैं। ऐसे में इस तरह के सत्रों का आयोजन विशेष महत्व रखता है। सत्र के दौरान उपस्थित जीएलए की न्यूजेन आइईडीसी के चीफ मेंटर डॉ. प्रमोद जोशी व विभागाध्यक्ष (स्नातक) प्रो. सोमेश धमीजा ने संकाय द्वारा विद्यार्थियों के समग्र विकास हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।

सत्र के अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए विभागाध्यक्ष (स्नातकोत्तर) प्रो. विकास त्रिपाठी ने कहा कि निश्चित रूप से सीमा बांगिया द्वारा साझा किये गए अनुभव एवं ज्ञान से संकाय के विद्यार्थी तथा शिक्षक दोनों ही लाभान्वित होंगे। सत्र के दौरान डॉ. अरुणा धमीजा, डॉ. उत्कल खंडेलवाल समेत सभी संकाय सदस्य व विद्यार्थी उपस्थित रहे। वहीं जीएलए विष्वविद्यालय, मथुरा के एकेडमिक सक्सेस सेंटर (एएससी) द्वारा एक दिवसीय संगोश्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली विष्वविद्यालय की प्रोफेसर कविता सिंह (फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज) ने जेन्डर संवेदनशीलता को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया।

प्रोफेसर कविता ने कहा कि शिक्षा द्वारा समाज को शिष्ट और सुन्दर बनाने के एक माध्यम रूप में परिभाषित किया। साथ ही बताया कोई भी राष्ट्र व समाज तभी उन्नत और प्रगतिशील हो सकता है, जब उसमें रहने वाले सभी जेन्डर एक दूसरे की भावनाओं को सम्मान और प्राथमिकता दें। बीएड विभागाध्यक्ष एवं एएससी की निदेशक प्रो. कविता वर्मा ने बताया कि जीएलए के विभिन्न विभागों के सदस्यों ने संगोष्ठी में भाग लिया और जेन्डर संवेदनशीलता से संबंधी प्रश्नों के द्वारा विषय की गम्भीरता को जाना। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ हिमानी ऑबराय द्वारा किया गया।

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Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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