पिछले दिनों सर्वोकॉन वोल्टेज स्टेपलाइजर कम्पनी के एम० डी० हाजी कमरूद्दीन सिद्दीकी ने हैदराबाद स्थित एम० एस० एजूकेशन अकेडमी का दौरा किया। एम० एस० एजुकेशन अकेडमी शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा नाम है, जो देश के विभिन्न क्षेत्र में 103 ब्रांचों के माध्यम से मुस्लिम समुदाय को नर्सरी से लेकर हॉयर एजुकेशन तक मुहैया करा रहे हैं। हाजी कमरूदद्दीन को यहां आई०ए०एस० व आई०पी०एस० की कोचिंग के नए बेच की ओपनिंग के लिए आमंत्रित किया गया था। हैदराबाद से लौटने के बाद हाजी कमरूद्दीन सिद्दीकी ने फेस न्यूज के ग्रुप एडीटर डॉ० मुश्ताक अंसारी के साथ हुई चर्चा में जानकारी देते हुए बताया कि एम० एस० एजूकेशन अकेडमी में विद्यार्थियों को मॉर्डन एजूकेशन के साथ-साथ दीनी तालीम भी दी जाती है ताकि विद्यार्थी इस्लाम मजहब के सम्बंध में भी जानकारी हासिल कर सकें। उन्होंने कहा यहां मज़हबी तालीम की मौलवी, हाफिज, कारी आदि की डिग्रिया नही होती लेकिन इस्लाम मज़हब की बेसिक जानकारी पूर्ण रूप से दी जाती है। हाजी कमरूद्दीन ने एम०एस० एजूकेशन अकेडमी के सिस्टम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां बचपन में ही बच्चों को इतना अनुशासित व कर्मठ बना दिया जाता है कि उसे भविष्य में दिक्त नहीं होती। उन्होंने कहा कि जब बच्चा ईमान की रोशनी में अपना जीवन यापन करेगा तो वह समाज में मिसाल बनेगा। जिस फील्ड में भी वह रहेगा वहां ईमानदारी व सच्चाई से काम करेगा। और इस्लाम मज़हब का नाम रोशन करेगा और अगर वह किसी विभाग में आफिसर होगा तो वह देश की प्रगति में सहायक बनेगा और समाज के लिए प्रेरणा का श्रोत भी बनेगा।

1990 के बाद से, सर्वोकोन सिस्टम्स लिमिटेड सर्वो स्टेबलाइजर के निर्माताओं और सुप्प्लायर्स के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम रहा है। 31 साल के बेजोड़ अनुभव और अतुलनीय कौशल के साथ, उन्नत सर्वो वोल्टेज स्टेबलाइजर में लीड कर रहे हैं। सर्वोकॉन भारत में सर्वो वोल्टेज स्टेबलाइजर का लीड निर्माता और सप्प्लायर्स है। हम विश्व स्तरीय सर्वो वोल्टेज स्टेबलाइजर प्रदान करते हैं जो लगातार आउटपुट वोल्टेज की निगरानी करता है और इनपुट वोल्टेज में अंतर को कण्ट्रोल करता है। उपकरणों को वोल्टेज वैरिएशंस से बचाने के लिए यह एक सही समाधान है। इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए एक स्टेबलाइजर सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है क्योंकि यह इनपुट वोल्टेज स्थिरता बनाए रखता है और स्थिर आउटपुट प्रदान करता है। अपने ग्राहकों को पूर्ण संतुष्टि देने के लिए कड़ी मेहनत और भरोसे के बाद सर्वोकोन भारत के प्रमुख सर्वो वोल्टेज स्टेबलाइजर निर्माताओं में से एक के रूप में विकसित हुए। सर्वो वोल्टेज स्टेबलाइजर्स सर्वोकॉन द्वारा बनाए गए हैं और हमारे ग्राहकों की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार डिज़ाइन किए गए हैं। हम अपने सर्वो वोल्टेज स्टेबलाइजर्स को विद्युत उपकरण के लिए बेहतर रूप से उपयुक्त बनाने के लिए डिज़ाइन करते हैं।

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एम०एस० एजूकेशन अकेडमी के नए बेंच को सम्बोधित करते हुए हाजी कमरूद्दीन सिद्दीकी ने अपनी जिंदगी का अनुभव भी सांझा किया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि 500 रूपये की नौकरी से अपने करियर की शुरूआत के बाद किस तरह अपनी कम्पनी सर्वोकॉन स्थापित की और फिर कम्पनी के टर्न ऑवर को करोड़ों तक पहुंचाया। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि सफलता के लिए पहले वह अपना लक्ष्य निर्धारित करें फिर उस पर फोकस रखेंगे तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। इस मौके पर हाजी कमरूद्दीन सिद्दीकी ने एकेडमी के प्रबंधकों के साथ अकेडमी का निरीक्षण भी किया तथा यहां नए बेंच के शुरूआत के लिए आयोजित कार्यक्रम में हाजी कमरूद्दीन को सम्मानित भी किया गया। जानिये हाजी कमरुद्दीन जी की कामयाबी की दास्तान और उन्होंने SERVOKON को कैसे पहुंचाया बुलंदी पर .

हाजी कमरूद्दीन सिद्दीकी जी से बच्चों ने भी बात की और उनसे कई सवाल पूछे। बच्चों ने उनसे उनके करियर के शुरूआती दौर के बारे में पूछा कि जब अपने अपने करियर के शुरूआती दौर में खुद से सारी चीज़ें कर रहे थे तो आपके मन में कभी बात आयी कि काश ! मुझे इसके बारे में पहले से पता होता मतलब आपको उस दौरान कुछ सिख मिली जिससे समबन्धित आप हमें सलाह देना चाहेंगे। हाजी जी ने जवाब देते हुए कहा कि जब आप अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ेंगे तब आपके सामने दो रास्ते ज़रूर आएंगे। जैसे कि जब मैंने अपनी नौकरी की शुरुआत की थी तो हमें एक साहब मिले थे उन्होंने कहा कि हम आपको 5000 रूपए देंगे..साथ में रहने को भी देंगे। उन्होंने मुझसे कई वायदे किये। फिर एक टाइम पर दूसरा रास्ता ये था कि उन्होंने बोलै कि आप आ जाओ हमारे साथ में पार्टनरशिप कर लेंगे। अब 500 रूपए कमाने वाले को एकदम 5000 रूपए सैलरी का ऑफर मिल जाये तो बड़ी बात समझिए। क्यूंकि ये बात काफी साल पुरानी है…..साल 1986 की मान लीजिये। लेकिन जब हम घर पर गए और हमने अपने फादर से बात की तो उन्होंने कहा कि देखो,नौकरी हो तो कर रहे हो..कल को नहीं होगा,,तो दूसरी कर लोगे.. और अगर बिज़नेस शुरू कर रहे हो और इसमें कामयाब हो गए तो नौकरी ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी और अगर नहीं कामयाब हुए तो नौकरी तो आप कल भी कर लोगे। ये बात सुनकर वह बैठे सभी विद्यार्थी हंसने लगे फिर आगे हाजी जी ने कहा कि फिर हमारे फादर साहब की सलाह थी। उन्होंने मुझे 20,000 रूपए दिए. उस समय 20,000 रूपए की बहुत वैल्यू थी। तो वो आज 20,000 की बरकत है कि वो 20,000 रूपए आज करोड़ो में तब्दील हो गयी।

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