जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के बायोटेक्नोलॉजी विभाग में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में आगरा-मथुरा- अलीगढ़ के विद्यालयो इंटर स्कूली शिक्षकों ने प्रतिभाग किया और विभाग में स्थापित आधुनिक प्रयोगशालाओं का भ्रमण कर प्रोफेसरों से विभिन्न तकनीकी जानकारी ली। एडवांस बायोटेक्नोलॉजी टेक्निक एन इनसाइट विषय पर आयोजित कार्यशाला में ज्ञानदीप शिक्षा भारती, रतनलाल फूल कटोरी, केएमपीएस, डीपीएस, सरस्वती विद्या मंदिर, चंपा अग्रवाल, केन्द्रीय विद्यालय बाद, केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी श्रीजी बाबा सरस्वती, एमडी जैन, पीडीडीएसवीएम आदि स्कूलों के शिक्षक और प्रधानाचार्य शामिल हुए सभी शिक्षक और प्रधानाचार्यों ने बायोटेक विभाग की लैब एडवांस रिसर्च लैबोरेटरी कम्प्यूटर साइस बायोइफोरमेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी एण्ड मोलक्यूलर बायोलॉजी लैबोरेटरी, माइकोबायोलॉजी लैब, प्लाट बायोटेक्नोलॉजी लैब आदि लैबों का भ्रमण किया। इस दौरान विभागीय डॉ. जगदीप सिंह सोहल, डॉ. विशाल त्रिपाठी और डॉ. सौरभ गुप्ता ने डीएनए आइसोलेशन तथा एग्रोज जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस तकनीक के बारे में जानकारी दी। डॉ. प्रदीप चौधरी और डॉ. माया दत्त जोशी ने एसेशियल ऑयल एक्सरेक्शन तकनीक पर प्रयोग करके दिखाया। डॉ. कुंदन चौबे और डॉ. हिमांशु गुप्ता ने रियल टाइम पीसीआर के बारे में बताया। डॉ. गौरव पंत ने एंटी माइकोवियल एक्टिविटी के बारे में प्रयोगात्मक तरीके से जानकारी दी। डॉ रूही और अनुजा मिश्रा ने बायोइफोरमेटिक्स में प्रयोग होने वाले सर्वर, टूल्स और डाटा बेसिस के बारे में बताया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि विज्ञान का उपयोग विकास और दैनिक जीवन की कठिनाइयों को दूर कर जीवन को सरल बनाने के लिए करना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से विज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाने की सलाह देते हुए कहा कि विज्ञान को स्थानीय परिवेश और संसाधनों से जोड़कर समाज के बीच पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को आधुनिक प्रयोगशालाओं और बढ़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों में किए जाने वाले शोध का विषय ही नहीं समझा जाना चाहिए, बल्कि यह सोचना चाहिए कि यह आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार का जरिया कैसे बन सकता है।

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विभागाध्यक्ष प्रो शूरवीर सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय संसाधनों के आधार पर भी शोध हो सकते हैं। विज्ञान के चार में प्रयोगात्मक विधि से छात्र-छात्राओं को मानव शरीर के अंगों की जानकारी देते हुए शरीर को स्वस्थ और तनावमुक्त रखने के गुर भी बताए। उन्होंने विभाग की उपलब्धि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार के डीबीटी, डीएसटी एवं एनआरडीसी विभाग द्वारा कई प्रोजेक्टों पर काम करने लिए जिम्मेदारी दी है। जिनमें से 5 प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। 2 प्रोजेक्टों के लिए डाल से अप्रूवल मिला है।

बायोटेकका मण कर शानदीप शिक्षा भारती के संदीप कुलश्रेष्ठ ने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय के बायक विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला के दौरान आधुनिक लेबों का भ्रमण करने का अवसर मिला। यहां की लंब उच्चस्तरीय है। इसके अलावा लदा प्रयोगात्मक तौर पर विज्ञान की महत्वता के बारे में जानकारी मिली जो कि विभागीय प्रोफेसरों द्वारा प्रत्येक तकनीक कार्य कर दी गयी। इस जानकारों को इंटर स्कूली छात्रों तक पहुंचाया जायेगा। जिससे स्कूली छात्रों को विज्ञान का महत्वता का पता लग सके।


कार्यक्रम की शुरुआत से पूर्व प्रतिकुलपति प्रो अनूप कुमार गुप्ता, विभागाध्यक्ष प्रो शूरवीर सिंह, समस्त स्कूलों से आये शिक्षकों एवं विभागीय प्रोफेसरी मा सरस्वती एव प्रेरणास्त्रोत श्री गणेशी लाल अग्रवाल के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम में आये हुए सभी स्कूली शिक्षकों और प्राचार्यों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंजना गोयल और अस्टेिंट प्रोफेसर डॉ. विशाल खंडेलवाल के दिशा-निर्देशन में संपन्न हुआ।

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