केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने इनमें लागू कोटा प्रथा को लगभग समाप्त कर दिया है। केंद्र सरकार केंद्रीय विद्यालय से सांसद कोटा खत्म करने पर पहले से विचार कर रही थी। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी की ओर से सदन में इस मुद्दे को उठाया गया था इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सदन में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था। अब इस कोटा प्रथा को समाप्त कर दिया गया है।

करीब 40 हजार सीटें भी मुक्त हो गई

फैसले के तहत जो कोटे खत्म किए गए हैं। उनमें सांसदों, शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सहित प्रवेश से जुड़े करीब दर्जनभर कोटे शामिल है। इसके साथ ही केंद्रीय विद्यालय में इस कोटे से हर साल भरी जाने वाली करीब 40 हजार सीटें भी मुक्त हो गई हैं। इनमें अकेले करीब 8 हजार सीटें सांसदों की सिफारिश से भरी जाती थी। प्रत्येक सांसद को 10 सीटों का कोटा दिया जाता था। केंद्रीय विद्यालयों में विशेष कोटे से भरी जाने वाली सीटें इन स्कूलों में निर्धारित क्षमता के अतिरिक्त होती थी।

संशोधित गाइडलाइन जारी की

केवीएस ने कल मंगलवार को प्रवेश से जुड़े करीब दर्जनभर विशेष कोटे को खत्म करने के साथ प्रवेश को लेकर एक संशोधित गाइडलाइन भी जारी की है। इस दौरान जो कोटा खत्म किया गया है उनमें सांसदों, शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों, एजेंसियों, आदि के कोटे को खत्म किया गया है। माना जा रहा है कि यह पहल केंद्रीय विद्यालय की गुणवत्ता को मजबूती देगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों को भी लागू किया गया है।

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देश में करीब 1250 केंद्रीय विद्यालय

मौजूदा समय में देश में करीब 1250 केंद्रीय विद्यालय हैं। इनका संचालन शिक्षा मंत्रालय की ओर से किया जाता हैं। इन विद्यालयों की स्थापना मूल रूप से केंद्रीय कर्मचारियों में सेना, रेलवे आदि के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए किया गया। केवीएस ने इस बीच खेल स्काउट वह फाइन आर्ट जैसी विधाओं से जुड़े प्रतिभाशाली बच्चों, बालिकाओं और वीरता व बाल श्री पुरस्कार प्राप्त बच्चों के प्रवेश से जुड़े कोटे को बरकरार रखा है। इसके साथ ही कोरोना में अनाथ हुए बच्चों और कश्मीरी विस्थापितों के बच्चों के लिए दाखिले में विशेष रियायत जारी रखने का फैसला लिया गया है।

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