मथुरा। हॉस्पीटल और मरीजों को सुगमता प्रदान करने के लिए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के छात्र ने मरीजों को समय पर ऑक्सीजन देने के लिए स्मार्ट ऑक्सीजन सिलिंडर ट्रॉली फॉर हॉस्पीटल पर एक रिसर्च किया है। यह स्मार्ट ट्रॉली ऑक्सीजन सिलिंडर में ऑक्सीजन की माप को नोटिफिकेशन के माध्यम से दर्शायेगी। इसका पेटेंट भी पब्लिश हो चुका है। बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के छात्र आशीष सोनी ने स्मार्ट ऑक्सीजन सिलिंडर ट्रॉली फॉर हॉस्पीटल पर एक रिसर्च किया है। यह रिसर्च महामारी की दूसरी लहर के दौरान पड़ने वाली ऑक्सीजन की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है। इस रिसर्च में अंत तक अंजाम देने में काफी अध्ययन किया गया है। कडे अध्ययन के बाद इस रिसर्च के माध्यम से स्मार्ट ट्रॉली तैयार की है। यह पेटेंट मैकेनिकल विभाग के प्रोफेसर विजय कुमार द्विवेदी एवं गणित विभाग की एसोसिएट प्रो. डॉ. पूजा पाठक के दिशा निर्देशन में किया गया है।

छात्र आशीष ने बताया कि हॉस्पीटल में मरीज को ऑक्सीजन सिलिंडर से ऑक्सीजन खत्म होने के बाद वहां के डॉक्टर अथवा फार्मसिस्ट को जानकारी नहीं रहती है। इसी को ध्यान में रखकर ऑक्सीजन सिलिंडर स्मार्ट ट्रॉली को अंजाम दिया गया है। यह स्मार्ट ट्रॉली सिलिंडर में कितनी ऑक्सीजन रह गयी, ऑक्सीजन का प्रेशर कितना है। ऐसी जानकारी नेट के माध्यम से एसएमएस और डिस्प्ले पर जारी होगी। इसको तैयार करने के लिए लोड सेल, प्रेशर सेंसर नोड एमसीयू एलईडी का प्रयोग किया गया है। इन सभी को एक समान जोड़ने और तीव्रता से कार्य करने के लिए सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया है। छात्र ने आगे बताया कि नोड एमसीयू जो कि इंटरनेट का कार्य करेगी। इसके अलावा अगर इंटरनेट कार्य नहीं करता है, तो बीप की व्यवस्था की गई है। यह बीप ऑक्सीजन के खत्म होने पर अपना कार्य करेगी।

प्रो. विजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि छात्र द्वारा किया गया रिसर्च और इस रिसर्च पेटेंट पब्लिश मरीज और हॉस्पीटल को सुगमता प्रदान करेगा। इस ट्रॉली को छात्र ने बेहतर रूप दिया है। मरीज को लगी हुई ऑक्सीजन खत्म होने से पूर्व ही टॉक्टरों को नोटिफिकेशन के माध्यम से जानकारी हो सकेगी और ऑक्सीजन सिलिंडर को बदला जा सकेगा। छात्र के रिसर्च का पेटेट पब्लिश होने पर टीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा एवं कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट विभागाध्यक्ष डॉ. रोहित अग्रवाल ने बताया कि यह रिसर्च स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी बेहतर साबित होगा देश हित में ऐसे रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय छात्रों को प्रेरित कर रहा है।

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