Teacher’s Day: भारत में प्रति वर्ष 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन के उपलक्ष्य में मनाते हैं। शिक्षक दिवस की शुरुआत 1962 में हुई। तब से लेकर आज तक ये दिन प्रतिवर्ष शिक्षकों के लिए समर्पित होता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का बच्चों को इंसान बनने में बहुत बड़ा योगदान था।
एक बार की बात है जब डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के मित्रगण उनका जन्मदिन मनाना चाहते है। इसकी इजाजत उन्होंने राधाकृष्णन से लिया। उसपर उन्होंने कहा की मुझे प्रसन्नता होगी अगर आप सभी उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। इसके बाद से शिक्षक दिवस की शुरुआत हो गई।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का है बहुत बड़ा योगदान
आपको बता दें, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म भारत के दक्षिण यानी मद्रास में हुआ था। ये एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार से थे। इनकी शिक्षा क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल और लूथेरियन मिशनरी हाई स्कूल, फिर वूर्चस कॉलेज वेल्लूर और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से पूरी हुई। इन्होंने 20 के उम्र ने ही अपनी एक थीसिस लिखी “एथिक्स ऑफ वेदांत” जो 1908 में प्रकाशित हुई।
21 वर्ष के ही उम्र से राधाकृष्णन आध्यात्म के क्षेत्र में चले गए। ये उस समय मद्रास प्रिसिडेंसी कॉलेज में फ़िलॉसफ़ी विभाग के लेक्चरर बनें।
इसके बाद ये आंध्र प्रदेश यूनिवर्सिटी और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के भी वाइस चांसलर रहें। इसके साथ ही वो दिल्ली यूनिवर्सिटी के भी चांसलर रहे। राधाकृष्णन ब्रिटिश अकादमी में चुने जाने वाले पहले भारतीय फेलो थे। इसके बाद 1948 में वो यूनिस्को के चेयरमैन भी बनें।
पूरे विश्व में 5 अक्टूबर को मनाया जाता है “विश्व शिक्षक दिवस”
पूरे विश्व में “विश्व शिक्षक दिवस” 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। वहीं भारत में इससे ठीक एक महीना पहले शिक्षक दिवस मनाते हैं। इसकी शुरुआत यूनस्को में हुई थी। पहली बार इसका आयोजन 5 अक्टूबर 1966 को पेरिस के एक कॉन्फ्रेंस ने आयोजन किया गया था।
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