कई महीनों से दुनिया पर मौत बरसा रहे कोरोना वायरस की फिलहाल अभी तक कोई ऐसी दवाई नहीं बन सकी है। जिससे लोगों में इस जानलेवा संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। जिसकी वजह से कोरोना से हालात बद से बत्तर होते जा रहे हैं। करोड़ों लोग कोरोना के संक्रमण से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहें तो वहीं लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और कब तक ऐसा होता रहेगा कोई नहीं जानता?लेकिन इस बीच वैज्ञानिकों ने एक ऐसा चौंका देने वाला दावा किया, जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे और आप जान से प्यारे पैसों और फोन से दूरी बना लेंगे। ऑस्ट्रेलिया की नेशनल साइंस एजेंसी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि, बैंक नोट, फोन की स्क्रीन पर 28 दिनों तक कोरोना वायरस जिंदा रह सकता है। CSIRO के शोधकर्ताओं ने तीन अलग-अलग तापमान पर कोरोना वायरस के जीवित रहने का परीक्षण किया। जिससे पता चलता है कि, गर्मी में कोरोना ज्यादा समय नहीं टिक सकता है।

तो वहीं चिकनी सतह जैसे फोन की स्क्रीन ग्लास, स्टील, प्लास्टिक, बैंक नोट पर कोरोना वायरस 28 दिनों तक जिंदा रह सकता है। इसके साथ ही शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि, जहां सबसे ज्यादा तापमान होगा वहां पर कोरोना का वायरस 24 घंटे में ही मर जाएगा। तो वहीं, मास्क के कपड़े को लेकर भी वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया है। उनका कहना है कि, छेदवाली सतह जैसे कॉटन पर कोरोना वायरस सबसे कम तापमान पर 14 दिनों तक जिंदा रह सकता है। ऑस्ट्रेलियन सेंटर फोर डिजीज प्रीपेयरडनेस के निदेशक ट्रेवेर ड्रीव ने कहा, “शोध के दौरान अलग-अलग तापमान और चीजों पर इसका परीक्षण किया गया है। जिसमें कई सारी चौंका देने वाली बातें सामने आयी हैं।“इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने कहा है कि, इस शोध का मकसद किसी को डराने का नही बल्कि लोगों को जागरूक करने का है। ताकि वो बाहर की चीजों को छूने के बाद अपने हाथों को नाक और मुंह पर न लगाये इसके साथ ही हाथों को बार-बार धो सकें। तभी कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है।

Share.

आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

Exit mobile version