Glaucoma: काला मोतिया को ही ग्लूकोमा कहते हैं। ये दृष्टिहीन होने का सबसे बड़ा कारण है। एक विशेष बात इसमें अन्य मोतिया के तरह दृष्टि नहीं लौटाई जा सकती है। ग्लूकोमा का बढ़ती उम्र के साथ खतरा बढ़ जाता है। आज के समय में ये कैसे बच्चे और युवाओं में भी देखने मिलता है जिसे चाइल्डहुड ग्लूकोमा Glaucoma (Kala Motia) और जुवेनाइल ग्लूकोमा कहते हैं। इसके लिए कहीं न कहीं व्यक्ति की जीवनशैली जिम्मेदार है।

क्या है ग्लूकोमा

ऑप्टिक नर्व के खराब होने की स्थिति को ग्लूकोमा कहते हैं। इससे आंखों के अंदर के फ्लूइड का संचालन खराब होने लगता है। आपको बता दें, ऑप्टिक नर्व से ही दिखाई देने की सूचना मस्तिष्क तक पहुंचती है। अगर ऐसी स्थिति बार-बार बढ़ता जाए तो दृष्टिबाधित होने के बाद दृष्टिहीन में बदल जाता है।

ग्लूकोमा होने के कारण

आंखों के अंदर असमान्य प्रेशर बढ़ने के कारण ग्लूकोमा होता है। आंखों का प्रेशर बढ़ने से ऑप्टिक नर्व खराब होने लग जाता है। आपको बता दें, अगर इसका इलाज समय पर और सही से नहीं हो रहा है तो ये व्यक्ति को दृष्टिहीन बना देती है। इसके साइडइफेक्ट्स से ब्लडप्रेशर, डाइबिटीज होने का भी खतरा बना रहता है। इस स्थिति में मोबाइल, लैपटॉप आदि का उपयोग न के बराबर ही करना चाहिए।

क्या हैं ग्लूकोमा के लक्षण

ग्लूकोमा होने पर सबसे पहले व्यक्ति के चश्मे का नंबर बढ़ने लग जाता है। आंखों में रंगीन गोले पड़ने लगते हैं। हमेशा सिर दर्द रहता है। ऐसी स्थितियों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए बाद में ये जोखिम बन सकता है। कुछ और ऐसे लक्षण हैं जो शुरुआत में दिख जाता है जैसे:- आंखों का लाल हो जाना, चक्कर आना, सिरदर्द होना, अचानक से धुंधलापन छा जाना, आचनक से नहीं दिखना इत्यादि

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ग्लूकोमा का क्या है इलाज

ग्लूकोमा का इलाज इसके तरीके और कारकों पर ही निर्भर करता है। जैसे:- मरीज की उम्र, बीमारी का स्तर, थेरेपी और वो कितना इलाज सह सकता है। इन सब चीजों को ध्यान में रख कर ही इलाज किया जाता है। आपको बता दें, ग्लूकोमा का परमानेंट इलाज नहीं है। इसमें बस डायग्रोज करके आने वाले समस्याओं को आगे बढ़ाया जा सकता है।

लेजर सर्जरी:- ये सर्जरी एग्जामिनेशन के बाद किया जाता है। जिसमे ग्लूकोमा को ठीक कर सकते हैं।

ट्यूब संठ:- इसमें सर्जरी से फ्लूइड को आंखों के अंदर डाली जाती है।

सर्जरी:- इसमें आंखों में फ्लूइड का संचालन किया जाता है।

दवाइयां:- डॉक्टर के द्वारा चेक करने के बाद डॉक्टर दवाई खाने की सलाह देते हैं। इस स्थिति में दवाई से थोड़ी राहत मिलती है।

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ग्लुकोमा से बचाव

  • ग्लुकोमा से बचाव के लिए पोषण सबसे ज्यादा जरूरी है।
  • इसके साथ मोबाइल, लैपटॉप, टेलीविजन के साथ कम समय बताएं।
  • गर्भवती महिलाओं को इन चीजों का खासतौर पर ध्यान रखना होगा। इसके साथ साथ वो अपने पूरे स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।

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मेरा नाम श्रीया श्री है। मैं पत्रकारिता अंतिम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे लिखना बेहद पसंद है। फिलहाल मैं डीएनपी न्यूज नेटवर्क में कंटेंट राइटर हूं। मुझे स्वास्थ्य से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता है और इसलिए मैं हेल्थ पर आर्टिकल्स लिखती हूं। इसके अलावा मैं धर्म, लाइफस्टाइल, एस्ट्रोलॉजी और एजुकेशन के विषय में भी आर्टिकल लिखती हूं।

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