कथित राजनीतिक हस्तक्षेप के विरोध में, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस हफ्ते मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया था। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि वो सरकार के साथ किसी तरह का विवाद नहीं चाहते हैं… वे चांसलर के रूप में अब आगे काम नहीं कर सकते हैं। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि मैंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से कहा कि मैं नहीं आ रहा हूं…एक दिन पहले 8 दिसंबर को मैंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा था कि आप चांसलर का पद संभाल लें…मैं और आगे काम नहीं कर सकता हूं।

सरकार से नाराज चल रहे हैं राज्यपाल


कहा जा रहा है कि जिन कारणों से राज्यपाल  खान ने यह कदम उठाया उनमें कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गोपीनाथ रवींद्रन की पुनर्नियुक्ति भी शामिल है। एक अन्य मुद्दा विश्वविद्यालय के अपीलीय प्राधिकरण की नियुक्ति के संबंध में विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन था, जिसने राज्यपाल को उसकी कुछ शक्तियों से वंचित कर दिया है। राज्यपाल इन मुद्दों को लेकर ही सरकार से नाराज चल रहे हैं। अपना विरोध दर्ज कराते हुए आरिफ मोहम्मद खान ने कृषि विश्वविद्यालय में अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था राज्यपाल ने 9 दिसंबर को विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में भाग लेने और इसके तुरंत बाद दिल्ली जाने की योजना बनाई थी।

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बैठक में भी नहीं बात

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जहां तक मेरा सवाल है, मैं पहले ही मुख्यमंत्री को लिख चुका हूं, कृपया चांसलर का पद संभालें…यह बहुत आसान है. यह संवैधानिक पद नहीं है…यह एक कर्तव्य है जिसे विश्वविद्यालय के अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया है….अधिनियम में संशोधन करें। कहा जा रहा है कि मुख्य सचिव वीपी जॉय और मंत्री केएन बाल गोपाल ने राज्यपाल से व्यक्तिगत तौर पर भी बात कर इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की लेकिन बैठक का कुछ नतीजा नहीं निकला। बैठक के तुरंत बाद राज्यपाल  दिल्ली के लिए रवाना हुए राज्यपाल 17 दिसंबर को राज्य लौटेंगे।

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