डीएनपी डेस्क: कृषि कानून के खिलाफ में आंदोलन कर रहे किसानों का बड़ा झटका लग सकता है. आज सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनरत किसानों को लेकर बड़ी बात कही है. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार जब कृषि कानूनों पर कोर्ट ने रोक लगा रखी है और फिलहाल इन्हें लागू नहीं करने की बात केंद्र सरकार कह चुकी है तो फिर विरोध प्रदर्शन किस बात पर की जा रही है? बता दें कि विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की प्रति हैरानी जताई है. कोर्ट ने इस मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कोई किसी मसले पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है, वह इस पहलू पर सुनवाई करेगा कि क्या इसके बाद भी उसे सड़क पर विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी जानी चाहिए?
गौरतलब है कि दिल्ली के जंतर मंतर पर कृषि कानूनों के विरोध में सत्याग्रह करने को लेकर किसान महापंचायत नाम के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते उक्त मामले में सुनवाई की थी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान किसान महापंचायत नाम के संगठन से पूछा था कि क्या वह भी महीनों से हाईवे को बंद करके चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल है? इस प्रश्न के जवाब में संगठन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा गया कि दिल्ली की सीमा पर सड़क रोक कर आंदोलन करने वाले संगठनों में वह शामिल नहीं है. बहरहाल वह जंतर मंतर पर सत्याग्रह करना चाहता है. बता दें कि जस्टिस एएम खानविलकर और सी टी रविकुमार की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा , “लेकिन आपने राजस्थान हाई कोर्ट में कृषि कानूनों को चुनौती दे रखी है. जब एक बार आप किसी मसले को कोर्ट में उठा चुके हैं, उसके बाद आप विरोध प्रदर्शन कैसे कर सकते हैं? कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट से वह किसान महापंचायत की याचिका को अपने पास ट्रांसफर कर लेगा और सुनवाई इसकी भी लंबित दूसरी याचिकाओं के साथ की जाएगी.
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इस मामले में सुनवाई के दौरान यूपी के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुए हादसे का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, “कोर्ट में मामला लंबित रहने और सरकार की तरफ से कानूनों के अमल को रोक दिए जाने के बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी है. इस तरह के बेवजह प्रदर्शन के चलते ही ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है.” इस पर जजों ने कहा, “लेकिन समस्या यह है कि जब ऐसी घटना हो जाती है, तो कोई भी उसकी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता.”प्राथमिकी दर्ज की गई है.”
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