केंद्र सरकार ने कल घोषणा करते हुए कहा था कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है। इस खबर के आने के बाद से ही किसानों के बीच खुशी की लहर है हालांकि किसानों का आंदोलन अभी तक जारी है। किसानों का कहना है कि जब तक संसद से कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।संयुक्त किसान मोर्चा की उत्तर प्रदेश इकाई ने कहा है कि 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली महापंचायत स्थगित नहीं की जाएगी। 22 नवंबर को  लखनऊ में महापंचायत का आगाज होगा। वहीं 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालने का प्लान किया गया है।

जारी रहेगा आंदोलन


एसकेएम की राज्य समिति के सदस्य संतोष कुमार ने कहा, “बैठक पीएम की घोषणा (तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के इरादे से) या न्यूनतम समर्थन मूल्य के कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए एक उत्सव के रूप में हो सकती है ( एमएसपी) लेकिन इसे स्थगित नहीं किया जाएगा।जिसके बाद आज किसान संयुक्त मोर्चा ने शनिवार को इसे लेकर बैठक की। इसमें सभी संगठनों के नेता शामिल हुए। किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने बैठक के बाद बताया कि जब तक कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया  संसद में पूरी नहीं होती जब तक आंदोलन जारी करेगा। अभी तक सिर्फ घोषणा की गई है कानून तौर पर कुछ काम नहीं किया गया। उत्तर प्रदेश और संसद में किसानों का मार्च जारी रहेगा।

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इन मुद्दों पर बात होना बाकी


किसानों का कहना है कि किसानों की गिरफ्तारी, केस वापसी, कृषि कानून, एमएसपी को लेकर सरकार से बातचीत करनी है। सरकार ने इन मुद्दों को लेकर अपना रुख साफ नहीं किया है। वहीं किसानों का कहना है कि आंदोलन के दौरान बहुत सारे किसान भाईयों की जानें गई। उसके लिए सरकार को मुआवजा भी देना पड़ेगा। किसानों के परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट है। सरकार को किसानों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। 

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