ये बात तो सभी जानते हैं कि अगले साल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके लिए सभी पार्टियां चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं। वहीं दूसरी तरफ कोरोना महामारी और ओमिक्रॉन देश में तेजी से पैर पसार रहा है। ऐसे में चुनावों को टालने की मांग बार-बार उठ रही है। इसी मांग को लेकर सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय और चुनाव आयोग की एक अहम बैठक हुई ।जिसमें कोरोना महामारी और ओमिक्रॉन की स्थिति को लेकर चर्चा की गई है। फिलहाल चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से ओमिक्रॉन को लेकर रिपोर्ट मांगी है जिसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

आज की बैठक में नहीं लिया गया कोई ठोस फैसला

आज की बैठक में कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है।अब जनवरी के पहले हफ्ते में एक बार फिर से आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच बैठक होगी। बता दें कि पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा में बीजेपी की सरकार है।जबकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। हालांकि अभी तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने चुनावी राज्यों में अपनी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। सभी पार्टियों ने लगभग चुनाव की तैयारी कर ली है लेकिन क्या देश की स्थिति को देखते अभी चुनावों का होना जरूरी है।

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देश में बढ़ रहे ओमिक्रॉन के मरीज

देश में अब तक ओमिक्रॉन के 578 मरीज सामने आ चुके सामने आ चुके हैं और कोरोना वायरस के केस भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भारत में स्थिति चिंताजनक है और चुनावों में हालात और भी बिगड़ सकते हैं। जैसा पिछले साल बंगाल चुनावों में हुआ था। कोरोना के बीच चुनावी रैलियों ने राज्य में कोरोना विस्फोट का काम किया था। जिसकी वजह से हालात बेकाबू हो गए थे। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को राजनीतिक रैलियों पर रोक लगाने और चुनाव टालने का सुझाव भी दिया था। हालांकि सरकार की तरफ से इसपर कोई बयान नहीं आया है। 

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