महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि पर उनके परपोते तुषार गांधी ने रविवार को कहा कि देश में बापू की विचारधारा को मानने वालों की संख्या लगातार घट रही है, जबकि उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की विचारधारा का दबदबा बढ़ता जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि जहां केंद्र सरकार आजादी के 75वें वर्ष को मनाने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव का आयोजन कर रही है, वहीं समाज में ”घृणा का जहर” भी फैल रही है। तुषार गांधी महाराष्ट्र के जालना जिले में जेईएस कॉलेज के गांधी अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम ‘कर के देखो’ में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।

तुषार गांधी ने कहा, “सरकार प्रगतिशील भारत और उसके समृद्ध इतिहास के 75 गौरवशाली वर्षों को मनाने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रही है, लेकिन अब ‘अमृत’ नफरत का जहर बन गया है और यह बढ़ रहा है और फैल रहा है।”

उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी की शिक्षाएं खत्म हो रही हैं और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की विचारधारा इस पर हावी हो रही है।” तुषार गांधी ने कहा, “लोगों का एक वर्ग इतिहास को विकृत कर रहा है और अपने तरीके से इसे फिर से लिख रहा है। लेकिन हमें वास्तविक इतिहास को पुनर्जीवित करना होगा और समाज में नफरत और विभाजन के खिलाफ आवाज उठानी होगी।”

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तुषार गांधी बातें सच तब साबित हो जाती है जब आज ही सुबह दिन में, हिंदू महासभा ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में नाथूराम गोडसे और गांधी हत्या के मुकदमे में सह-आरोपी रहे नारायण आप्टे को “गोडसे-आप्टे स्मृति दिवस” ​​के रूप में मनाया और अपनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की। हिंदू महासभा ने जेल में बंद धार्मिक नेता कालीचरण महाराज को ग्वालियर में “गोडसे-आप्टे भारत रत्न” भी दिया। मालूम हो कि कालीचरण महाराज ने पिछले दिसंबर में महात्मा के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

पिछले नवंबर में, हिंदू महासभा ने कहा कि वह हरियाणा की अंबाला सेंट्रल जेल से लाई गई मिट्टी का उपयोग करके नाथूराम गोडसे की एक मूर्ति को गढ़ेगी, जहां उन्हें 1949 में फांसी दी गई थी।

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