देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने सराहनीय फैसला लिया है। सरकार ने कैबिनेट की बैठक में पंचायत चुनाव निरस्त करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अब राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा दिया गया है। गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि आगे की कार्रवाई राजभवन और फिर राज्य चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि  MP सरकार पंचायत राज्य संशोधन अध्यादेश वापस ले रही है।  इस पर विधानसभा में विधेयक प्रस्तुत किया जाना था, लेकिन नहीं हो सका। आगे की कार्रवाई राज्यपाल करेंगे।

कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला

बता दें कि रविवार को भोपाल में राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने आगे कहा कि शीतकालीन सत्र में राज्य विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया कि ओबीसी के लिए आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएंगे। आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने पंचायत चुनाव कराने के लिए अध्यादेश को वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब, राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय के संबंध में एक प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा गया।

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गौरतलब है कि पंचायत चुनाव तीन चरणों में होने वाले थे। पहला चरण छह जनवरी 2022 को होना था।जबकि दूसरा चरण 28 जनवरी औऱ तीसरा चरण पंचायत चुनाव 16 फरवरी को तय थे। आयोग के मुताबिक पंच-सरपंच के पद को छोड़कर बाद बाकी के पदों के लिए मतदान ईवीएम से कराए जाने थे।

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