गैर कांग्रेस विपक्षी पार्टियां इस रणनीति पर काम कर रही है कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकते हैं। ‌ नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाने की शुरुआत की बात तब हुई जब इसी महीने केसीआर और पीके की मुलाकात हैदराबाद में हुई थी। ‌ केसीआर की पार्टी पीसीआर के लिए काम करेगी और 2 दिनों के बीच चली बैठक में नीतीश को राष्ट्रपति का चुनाव लड़ाने पर लंबी चर्चा हुई।

बिहार के नीतीश की पार्टी और बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार है। अब इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि नितीश कुमार राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे या नहीं। जातिगत जनगणना को लेकर जेडीयू और बीजेपी में तनातनी अभी जारी है। अनुमान लगाया जा सकता है कि तेजस्वी यादव और चंद्रशेखर राव के बीच मुलाकात के बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा हुई। चंद्रशेखर राव ने मुंबई जाकर एनसीपी नेता शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की।

यह भी पढ़े:- 2017 के चुनावों की तुलना में इस बार कम मतदान, 10 मार्च को निकलेंगे परिणाम

इनकी मुलाकात के बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा हुई। और बीजेपी, कांग्रेस के खिलाफ थर्ड फ्रंट बनाने की एक और कोशिश की गई। ‌ बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी इन राष्ट्रपति चुनावों में जोड़ा गया। नीतीश कुमार को राष्ट्रपति चुनावों में शामिल करने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का दिमाग है। अब यह रणनीति है कि बीजेपी के खिलाफ ऐसा मजबूत उम्मीदवार चुना जाए जिससे कांग्रेस उसका समर्थन देने पर मजबूर हो जाए।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो पर सकते हैं

Share.
Exit mobile version