Supreme Court: महाराष्ट्र के शिवसेना विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी ख़बर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे की ओर से दायर याचिका पर गुरुवार तक कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इस मामले पर सुनवाई करते हुए एससी ने 5 जजों की संविधान पीठ को ये मामला सौंप दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक इस याचिका में शिंदे गुट की ओर से ‘असली शिवसेना’ पार्टी के रूप में मान्यता देने और उसे ‘धनुष और तीर’ का चुनाव चिन्ह उन्हें आवंटित करने की मांग की गई है। वहीं दूसरी ओर इससे पहले निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े को पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपने दावे के समर्थन में दस्तावेज जमा करने के लिए 15 दिन और दिए थे। हालांकि इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट के द्वारा किए गए अनुरोध के बाद निर्वाचन आयोग ने उन्हें आज यानि 23 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने को कहा था।

आपको बता दें कि अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी। साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे द्वारा ‘असली शिवसेना’ पार्टी के रूप में मान्यता देने और उसे चुनाव चिन्ह आवंटित करने के लिए दायर आवेदन पर गुरुवार तक कोई कार्रवाई न करे। एससी में सुनवाई से पहले महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने रविवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कहा था कि कोर्ट में जो होगा वो देखा जाएगा। न्यायपालिका पर मुझे पूरा भरोसा है। उद्धव ठाकरे ने आगे कहा था कि जनभावना मेरे साथ है। इस सबके बीच इस मामले पर आज एससी में हुई सुनवाई को लेकर न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर लिखा, “सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे द्वारा ‘असली शिवसेना’ पार्टी के रूप में मान्यता देने और उसे ‘धनुष और तीर’ का चुनाव चिन्ह आवंटित करने के लिए दायर आवेदन पर गुरुवार तक कोई कार्रवाई न करे।”

जल्द आ सकता है फैसला

इम मामले में अब तक सुप्रीम कोर्ट में तीन बार सुनवाई हुई है। इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के वकील अपनी-अपनी दलीलें दे चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दो बार शिंदे खेमे और ठाकरे गुट के वकीलों के बीच जोरदार बहस हुई है लेकिन मामले में अब तक कोई बड़ा फैसला सामने नहीं आया है। जानकारी के मुताबिक चीफ जस्टिस की इसी महीने रिटायरमेंट भी हैं। इसको देखते हुए कयासों का बाजार गर्म है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस पूरे मामले में लैंडमार्क फैसला आएगा।

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Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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