डीएनपी डेस्क: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच गिले-शिकवे दूर हो गए और साथ ही गठबंधन पर मुहर भी लग गई है. गौरतलब है कि गुरुवार को दोनों ही नेताओं के बीच हुई मुलाकात ने वर्षों से चल रहे सवाल पर विराह लगा दिया. दोनों ही नेताओं के मुलाकात ने इस बात की पुष्टी कर दी है कि चाचा-भतीजे के बीच के सारे गिले-शिकवे अब दूर हो गए हैं और साथ ही गठबंधन पर मुहर भी लग गई है.
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के आवास ए-1 विक्रमादित्य मार्ग से करीब 400 मीटर की दूरी पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का बंगला 6 लालबहादुर शास्त्री है. इस दूरी को तय करने में अखिलेश को साढ़े चार साल लग गए. बहरहाल चाचा-भतीजे के एक होने के बाद असल सवाल सीटों को लेकर उठ रहे हैं, क्योंकि दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद न तो सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अब तक सामने आया और न ही समझौते की शर्त का पता चल पाया है. ऐसे में सवाल उठता है कि शिवपाल यादव के करीबी नेताओं को अखिलेश यादव कैसे 2022 के चुनाव में एडजस्ट करेंगे.
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अखिलेश-शिवपाल के बीच गठबंधन
दरअसल अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के साथ हुई मुलाकात की एक फोटो ट्वीट कर इस बात की जानकारी को सार्वजनिक करते हुए लिखा कि ‘प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई. क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा व अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है. बता दें कि अखिलेश यादव के इस ट्वीट के बाद शिवपाल यादव ने भी ट्वीट कर लिखा, ‘समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आवास पर शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान उनके साथ आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में साथ मिलकर लड़ने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई.
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