UP News: कार्तिक परिक्रमा मेले की तारीख नजदीक आती जा रही है। कार्तिक सुदी नवमी के पर्व पर मंगलवार को रात्रि 1:09 अष्टमी के समापन के उपरांत नवमी लगेगी जो बुधवार रात्रि 10:37 तक रहेगी। नवमी लगने के बाद से ही 14 कोस की परिक्रमा के साथ साप्ताहिक मेला भी शुरू हो जाएगा।  इस परिक्रमा में शामिल होने के लिए रामनगरी में श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो चुका है। हजारों श्रद्धालू अक्षय पुण्य के भागीदारी बनने के लिए रामनगरी पहुंच चुके हैं।

प्रशासन आया अलर्ट मोड पर

मेले के लिए डायवर्जन प्लान जारी कर दिया गया है और पुलिस-प्रशासन ने जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी है। श्रद्धालू किसी भी परेशानी से ना झूझे इसके लिए सभी इंतजाम पुख्ता कर दिए गए हैं साथ ही सभी विभाग अलर्ट मोड पर आ गए हैं। अन्तर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में मेला कंट्रोल रूम भी शुरू हो चुका है। पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी भी सीसीटीवी कैमरों से की जा रही है और ध्वनि विस्तारण यंत्र के जरिए सूचनाओं का आदान-प्रदान भी हो रहा है।

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ये है वैज्ञानिक महत्व

परिक्रमा को लेकर सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी हैं। कहा जाता है कि परिक्रमा के पग-पग पर जन्म-जन्मान्तर के पापों का नाथ हो जाता है। परिक्रमा हमेशा घड़ी की सुई की दिशा में ही की जाती है तभी हम दक्षिण दिशा की ओर आगे बढ़ते हैं। हिंदू मान्यताओं के आधार पर ईश्वर हमेशा मध्य में होते हैं। यह स्थान प्रभु के केंद्रित रहने का अनुभव प्रदान कराता है। वैज्ञानिकों के अनुसार प्रत्येक धार्मिक स्थल पर कुछ विशेष ऊर्जा होती है। यह ऊर्जा मंत्रों एवं धार्मिक उपदेशों के उच्चारण से पैदा होती है। धार्मिक स्थल की परिक्रमा से वहां मौजूद सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

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