UP News: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस काशीपुर फायरिंग केस को लेकर आमने-सामने हैं। उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल किए हैं। उत्तराखंड पुलिस का दावा है कि यूपी पुलिस निर्दोष व्यक्तियों को पकड़ती है, कहती है कि वे दोषी हैं। इसके बाद यूपी पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों के बयान को गैर-जिम्मेदार करार दिया है। मेरठ के खनन माफिया को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस ने उत्तराखंड के काशीपुर में छापेमारी की थी। इस दौरान हुई फायरिंग में एक स्थानीय बीजेपी की पत्नी की मौत हो गई। इसी बात को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस आपस में भिड़ गई हैं।
4 पुलिसकर्मी भी घायल
यूपी पुलिस ने दावा किया कि इनामी बदमाश जफर को पकड़ने के लिए उत्तराखंड गई तो उनके ऊपर हमला किया गया। इस दौरान फायरिंग भी हुई और पुलिसकर्मियों को बंधक भी बनाया गया। वहीं मृतक महिला के परिजनों ने आरोप लगाया है कि यूपी पुलिस की गोली से महिला की मौत हुई है। बता दें कि इस फायरिंग में एक महिला की मौत के साथ 4 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड की अतिरिक्त प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस मामले की अभी सही तरीके से जांच की जा रही है। इसके बाद दोषियों को सजा मिलेगी।
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बयान को बताया गैर जिम्मेदार बताया
प्रमुख सचिव का कहना है कि कई बार यूपी पुलिस निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर लेती है और दावा करती है कि वह दोषी हैं ऐसा नहीं होना चाहिए। बेगुनाह को पकड़ने से 99 गुनाहगार पैदा हो जाते हैं। वही यूपी पुलिस ने इस बयान को गैर जिम्मेदार बताया और कहा कि एक अधिकारों को ऐसे बयानों से बचना चाहिए। यूपी एडिशनल डायरेक्टर प्रशांत कुमार का कहना है कि यह बयान तथ्यों पर आधारित नहीं है। उधम सिंह नगर के एसएसपी का दावा है कि यूपी पुलिस ने छापेमारी से पहले उत्तराखंड पुलिस को जानकारी नहीं दी थी और बदमाश जफर को यूपी पुलिस ने मुरादाबाद से गिरफ्तार किया था।
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