डीएनपी डेस्क: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 8 नवंबर के लिए टाल दी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान दर्ज से संबंधित पेंच अड़ता नजर आया. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इस मामले में पेश वकील हरीश साल्वे से पूछा, ‘घटना के वक्त सैकड़ों लोग थे. उनमें सिर्फ 23 ही चश्मदीद हैं?’ दरअसल, यूपी के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में कहा, ’30 गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने हो चुके हैं. उनमें 23 प्रत्यक्षदर्शी हैं. ‘ साल्वे ने कोर्ट के समक्ष आगे अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमने गवाही के लिए विज्ञापन जारी भी किया. उन्होंने कोर्ट से कहा, इस मामले से संबधित वीडियो सबूत भी मिले हैं. साथ ही साल्वे ने कहा इस मामले में जांच जारी है.

बता दें कि इससे पहले इस मामले में 20 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को दो टूक कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर प्रश्न पूछा था कि सिर्फ चार आरोपी पुलिस हिरासत में क्यों- क्यों? इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए क था कि लखीमपुर खीरी घटना की जांच से यूपी सरकार अपने पैर खींचखीं रही है.

कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल पूछते हुए कहा था कि आपने कहा कि 4 गवाहों के बयान लिए. बाकी गवाहों के बयान क्यों नहीं लिए? कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि सिर्फ 4 आरोपी पुलिस हिरासत में जबकि अन्य न्यायिक हिरासत में क्यों हैं? क्या उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है?

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले तीन अक्टूबर को कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचलने की घटना हुई थी, जिसके बाद वहां मौजूद उग्र प्रदर्शकारियों ने गाड़ी के ड्राइवर सहित तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. इस हिंसक घटना में एक पत्रकार दर्दनाक मौत हुई थी. बता दें कि इस घटना में कुल आठ लोग मारे गए थे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील शिव कुमार त्रिपाठी ने इस मामले में प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर घटना पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया था.

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Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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