Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य एक अर्थ शास्त्री और नीतिकार थे। चाणक्य की नीति विश्व प्रसिद्ध है। सभी लोग आचार्य की नीति को सलाह के रूप से लेते हैं। आचार्य राजा महाराजा के सलाहकार हुआ करते थे। आचार्य की सभी नीतियों को अपने जीवन में उतारते थे। आचार्य की नीति जीवन यापन करने में बेहद सहायक है।
आचार्य महिला पुरुष से लेकर महिला के जीवन में हो रही कई घटनाओं पर चित्रण किए हुए हैं। चाणक्य ने अपनी नीति में कई चीजों पर व्याख्या किया है। आचार्य इसी तरह 3 चीजों के विषय में वर्णन किए हैं। इन्होंने बताया है की ऐसे 3 लोग होते हैं जो काम निकालने के बाद व्यक्ति के मुंह मोड़ लेते हैं। इसके बाद इन्हें व्यक्ति से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं होता है। तो आइए जानते हैं विस्तार से।
1. वैश्य कर देती पराया
आचार्य चाणक्य कहते हैं वैश्य का एक ही लक्ष्य होता है किसी भी पुरुष से पैसे लूटना। जब वैश्य किसी भी पुरुष से पैसे लूट लेती है तो उसका मतलब पुरुष से खत्म हो जाता है। इसके बाद वो पुरुष से मुंह मोड़ लेती है।
2. एक प्रतापी राजा
आचार्य कहते हैं एक प्रतापी राजा का सम्मान सभी प्रजा करती है। कहा जाता है अगर एक राजा शक्तिहीन हो जाए तो प्रजा राजा का साथ छोड़ देती है। प्रजा ये नहीं सोचती है कि इस राजा ने इनके लिए क्या कुछ नहीं किया है। राजा के शक्तिहीन होने से प्रजा राजा का त्याग कर देती है।
3. एक अतिथि का चले जाना
आचार्य चाणक्य कहते हैं जब घर में अचानक अतिथि का आगमन होता है तो वो सत्कार पाकर घर त्याग देता है। ये सामाजिक नियम के अनुसार घर का त्याग कर देता है। इसके बाद उसे घर के लोगों से किसी भी प्रकार का मतलब नहीं होता है।
इस नीति से क्या निकलता अर्थ
इस बात में आचार्य स्पष्ट करते हैं कि व्यक्ति को अपने सम्मान की रक्षा स्वयं की करनी चाहिए। वरना उसे जीवन में हमेशा ठोकर लगता है। चाणक्य कहते है किसी भी व्यक्ति को किसी स्थान, व्यक्ति या वस्तु से आवश्यकता अनुसार की लगाव रखना चाहिए। अधिक लगाव से व्यक्ति को हमेशा ठोकर खाना पड़ता है। किसी भी चीज से व्यक्ति को अधिक अपेक्षा नहीं रखना चाहिए।
Also Read: Importance of 108: हिंदू धर्म में 108 अंकों का जाने रहस्य, ज्योतिष शास्त्र और…
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।