Hindu Rituals: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान को अर्घ्य चढ़ाने की परंपरा है। कहते हैं कि भगवान को पूजा के समय अर्घ्य चढ़ाना शुभ माना जाता है। इससे हमारे जीवन में सकारात्मक असर पड़ता है लेकिन कुछ अर्घ्य होते हैं जिन्हें चढ़ाने से भगवान नाराज हो जाते हैं और हमारे जीवन पर इसका गलत असर होता है। 

पूजा के दौरान चावल चढ़ाने की परंपरा बहुत पुरानी है। सभी अर्घों में चावल सबसे ज्यादा मान्य होता है चावल के बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं होती है। हिंदू धर्म में चावल को अक्षत कहा जाता है और अक्षत का अर्थ होता है जो टूटा नहीं है और अगर पूजा के दौरान टूटा हुआ अक्षत चढ़ाते हैं तो यह अशुभ माना जाता है। अक्षत का अर्थ ना टूटा हुआ होता है अगर चावल का भाग टूटा हुआ है तो उसे भगवान को अर्पित नहीं करना चाहिए भगवान को पूर्णता का रूप ही अर्पित करना चाहिए क्योंकि अक्षत को पूर्णता का प्रतीक कहते हैं।

चावल को देवता का सबसे प्रिय अर्ध कहा जाता है चावल को शांति का प्रतीक कहते हैं इसीलिए चावल चढ़ाते समय भक्तों की कामना करता है कि उसके जीवन में सारे कार्य पूर्ण रूप से सफल हो क्योंकि अक्षत का अर्थ ही पूर्णता होता है। 

खंडित चावल चढ़ाने से देवता नाराज हो जाते हैं इसीलिए हमेशा अखंडित चावल ही चढ़ाएं। क्योंकि टूटा हुआ चावल अर्पित करने से जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है और अनेक समस्याएं जन्म लेती हैं इसलिए भगवान को हमेशा अखंडित अक्षत ही अर्पित करें। अखंडित चावल चढ़ाने से भगवान अपने भक्तों के जीवन में सुख समृद्धि लाते हैं और धन धान्य की उत्पत्ति होती है।

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