हिन्दू धर्म में कोई भी काम शुभ मुहूर्त देखकर किया जाता है। इस दौरान सूर्य की चाल का भी विशेष खयाल रखा जाता है। इसी लिहाज से खरमास को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ समय नहीं माना जाता है। सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है और जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है। धनु राशि बृहस्पति की आग्नेय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है।

इस वर्ष 14 दिसंबर, 2021 से लेकर 14 जनवरी, 2022 तक खरमास लग रहा है। चतुर्मास की तरह खरमास में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं। खरमास समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।

खरमास के अशुभ समय मानकर शुभ कार्यों पर विराम लगाए जाने के पीछे एक व्यवहारिक कारण यह भी है कि जब सूर्य धनु राशि में आते हैं तब पूरा उत्तर भारत शीत लहर की चपेट में होता है। ऐसे में सांसारिक कार्यों को संपन्न कर पाना बहुत ही कठिन होता है। दूसरी ओर जब सूर्य मीन राशि में आते हैं तब भी ऋतुओं का संक्रमण काल होता है जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता है। इसलिए खरमास के दौरान संयमित भाव से ईश्वर का ध्यान करना ही धार्मिक ग्रंथों में उत्तम बताया गया है।

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वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, मुंडन आदि कोई भी मांगलिक कार्य न करें। मन में किसी के प्रति बुरी भावना न लाएं। किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें और न ही झूठ बोलें। इस माह के दौरान मांस-मदिरा और शराब का सेवन न करें। संभव हो तो प्याज और लहसुन से भी परहेज करें।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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